कुछ लोग हाथ में तांबे, पीतल या चांदी का कड़ा पहनते हैं। तांबा सूर्य ग्रह को, पीतल बृहस्पति ग्रह को और चांदी चंद्र ग्रह को बलवान करता है। हालांकि किसी ज्योतिष की सलाह पर ही इसे पहनान चाहिए। आओ जानते हैं पीतल का कड़ा पहने के 10 फायदे और नियम।
पीतल दो प्रकार का होता है। एक होता है रितीका और दूसरा काकतुंडी। रितीका शुद्ध पीतल होता है जो आजकल नहीं मिलता है। रितीका में दो धातुओं का संयोग होता है तांबा और जिंक। यह मंगल और बुध की उर्जाओ का लाजवाब संयोग है। काकतुंडी में एल्युमिनियम, लेड, कथीर आदि धातुओं के डालने से यह पीतल अशुद्ध हो जाता है।
10 फायदे :
1. पीतल से शरीर शक्तिशाली बनता है।
2. इससे गुरु, मंगल, बुध बलवान होता है।
3. इससे शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो तो दूर होता है।
4. चर्म रोग में भी यह लाभदायक है।
5. यह व्यक्ति को सेहतमंद बनाता है।
6. यह सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करता है।
7. इससे आध्यात्मिक शक्ति जागृत होती है।
8. यह मानसिक सुदृढ़ता प्रदान करता है।
9. इसे पहनकर साधना करने या मंत्र जपने से वह सफल होती है।
10. महिलाओं को मासिक समस्याओं से निजात मिलती है।
नियम :
- शुद्ध धातु का ही पीतल पहने अर्थात रितीका पीतल ही पहनें। काकतुंडी से नुकसान हो सकता है।
- जब भी शौचालय जाएं तो यह कड़ा उतारकर उचित स्थान पर रख दें और फिर ही जाएं।
- स्त्री से संबंध बनाते वक्त भी तांबा हो या पीतल का कड़ा उसे उतारकर अलग रख दें।
- पीतल का कड़ा पहन रहे हैं तो पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।
- किसी ज्योतिष से अपनी कुंडली दिखाने के बाद ही उसकी सलाह पर ही यह धारण करें।