खग्रास चन्द्र ग्रहण 31 जनवरी 2018 को है। यह ग्रहण माघ पूर्णिमा बुधवार को सायंकाल के समय संपूर्ण भारतवर्ष में दृश्यमान होगा। यह ग्रहण असम, मिजोरम, सिक्किम, मेघालय, पूर्वी व प. बंगाल में चन्द्रोदय के बाद प्रारंभ होगा तथा भारत के शेष भागों में इस ग्रहण का आरंभ चन्द्रोदय से पहले ही हो जाएगा, वहां ग्रहण ग्रस्तोदय होगा।
भारत के अलावा और कहां दिखाई देगा?
उत्तरी अमेरिका, पूर्वी व दक्षिणी अमेरिका में चन्द्र अस्त के साथ ग्रहण समाप्त हो जाएगा अर्थात ग्रस्तास्त हो जाएगा, जबकि उत्तरी व पूर्वी यूरोप, एशिया, हिन्द महासागर में चन्द्रोदय के समय यह खग्रास ग्रहण के रूप में प्रारंभ होगा अर्थात ग्रस्तोदय रूप में दिखाई देगा। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड में इस खग्रास चन्द्रग्रहण के सभी घटनाक्रम दिखाई देंगे अर्थात ग्रहण आरंभ से ग्रहण समाप्ति तक दृश्यमान होगा।
भारतीय समयानुसार इस ग्रहण का प्रारंभ व समाप्ति काल इस प्रकार है-
ग्रहण आरंभ- 17 घंटा 18 मिनट 27 सेकंड
खग्रास प्रारंभ- 18 घंटा 21 मिनट 47 सेकंड
ग्रहण मध्य- 18 घंटा 59 मिनट 50 सेकंड
खग्रास समाप्त- 19 घंटा 37 मिनट 51 सेकंड
ग्रहण समाप्त- 20 घंटा 41 मिनट 11 सेकंड
ग्रहण का पर्वकाल-
ग्रहण का पर्वकाल ग्रहण आरंभ से ग्रहण समाप्ति तक का काल माना जाता है, क्योंकि यह ग्रहण भारत के सुदूर पूर्वी क्षेत्र को छोड़कर शेष भारत में ग्रस्तोदय ही होगा। अत: यहां चन्द्रोदय से ग्रहण समाप्ति तक के काल को पर्वकाल माना जाएगा।
ग्रहण का सूतक-
ग्रहण का सूतक 31 जनवरी 2018 की सुबह 8 बजकर 18 मिनट से आरंभ होगा।
ग्रहण का राशिनुसार फल-
यह ग्रहण पुष्य नक्षत्र एवं आश्लेषा तथा कर्क राशि पर घटित होगा। अत: इन नक्षत्रों व राशि वालों के लिए विशेष रूप से कष्टकारी हो सकता है। यदि चन्द्र के साथ कर्क का राहु जन्मकालीन रहा तो परिणाम अशुभ होते हैं। ऐसी स्थिति में ग्रहण काल में महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से कष्टों से राहत मिलती है।
मेष राशिगत फल- कामकाज में सफलता के साथ धनलाभ की उम्मीद कर सकते हैं।
वृषभ राशिगत फल- आर्थिक लाभ के साथ प्रत्येक क्षेत्र में प्रगतिपूर्ण वातावरण रहेगा।
मिथुन राशिगत फल- आर्थिक नुकसान के साथ यात्रा के योग भी हैं।
कर्क राशिगत फल- शारीरिक कष्ट के साथ कार्य में रुकावटें आ सकती हैं।
सिंह राशिगत फल- मानसिक चिंता के साथ आर्थिक नुकसान संभव।
कन्या राशिगत फल- अकस्मात धनलाभ के साथ-साथ सुख-समृद्धि के योग हैं।
तुला राशिगत फल- स्वास्थ्य का ध्यान रखें, किसी कार्य में परिश्रम अधिक होगा।
वृश्चिक राशिगत फल- चिंता रहेगी वहीं संतान कष्ट से खर्च भी होगा।
धनु राशिगत फल- शत्रु पक्ष से बचकर चलें। थोड़े धनलाभ की आशा कर सकते हैं।
मकर राशिगत फल- दांपत्य जीवन में कष्ट रह सकता है, चिंता रहेगी।
कुंभ राशिगत फल- आर्थिक मामलों में सावधानी रखें, खर्च अधिक होगा। चिंता व परिश्रम अधिक रहेगा।
मीन राशिगत फल- कामकाज में विलंब होकर खर्च अधिक रहेगा। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा।