शनि देव के भारत में तमाम मंदिर हैं लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं जहां शनि देव साक्षात विराजमान होते हैं।
भक्तों पर शनि देव की कृपा हमेशा बनी रहता है। शनि देव भक्तों पर जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी गलतियों को क्षमा भी कर देते हैं। जो भक्त शनि देव के सामने अपना सबकुछ समर्पित कर देता है वह जीवन में हमेशा सुखी रहता है।
शनि देव के भारत में तमाम मंदिर हैं लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं जहां शनि देव साक्षात विराजमान होते हैं। तो चलिए आपको भी स्थानों के बारे में बताते हैं जहां जाकर आप शनि देव दर्शन कर मनचाहा फल प्राप्त कर सकते हैं।
शनि शिंगणापुर
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है शिंगणापुर गांव इसे शनि शिंगणापुर के नाम से भी जाना जाता है। इस गांव में शनि देव का चमत्कारी मंदिर स्थित है। इस गांव में किसी भी घर या दुकान में दरवाजा नहीं है। यहां शनि देव की कोई मूर्ति नहीं बल्कि एक बड़ा सा काला पत्थर है, जिसे शनि का विग्रह रूप माना जाता है। गांव में शनि देव की कृपा हमेशा बनी रहती है और यहां कभी चोरी नहीं होती।
उज्जैन का शनि मंदिर
मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन मानी जाती है। यहां भगवान महाकाल का मंदिर है जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। भगवान शिव के मंदिर के साथ-साथ यहां प्राचीन शनि मंदिर भी है। यहां स्थित शनि मंदिर की विशेषता ये है कि यहां शनि देव के साथ-साथ अन्य नवग्रहों की मूर्तियां भी हैं, जिसकी वजह से इसे नवग्रह मंदिर भी कहा जाता है। उज्जैन के इस मंदिर में दूर-दूर से शनि भक्त दर्शन करने आते हैं।
महादेव के साथ विराजमान शनि देव
तिरुनल्लर शनि मंदिर तमिलनाडु के प्रमुख मंदिरों में गिना जाता है। मान्यता है कि जिन लोगों पर शनि की कृपा नहीं होती है वो लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। शनि मंदिर, तिरुनल्लर शनि देव को समर्पित तमिलनाडु के नवग्रह मंदिरों में से एक है। भारत में स्थित शनि देव के मंदिरों में यह सबसे पवित्र भी माना जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने से शनि ग्रह के सभी बुरे प्रभावों से मुक्ति मिल जाती है।
भगवान श्रीकृष्ण ने यहां किए शनि देव के दर्शन
उत्तर प्रदेश में ब्रज मंडल के कोसीकलां गांव के पास भी एक शनि मंदिर स्थित है। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण ने शनिदेव को दर्शन दिए थे। जिसका वर्णन गीता में मिलता है। इस जगह को लेकर यह भी कहा जाता है की जो भक्त यहां की परिक्रमा करता है, उसे भगवान शनि कभी कष्ट नहीं पहुंचाते।
स्त्री रुप में विराजमान हैं शनिदेव
गुजरात में भावनगर के सारंगपुर में भगवान हनुमान का एक प्राचीन मंदिर स्थित है। इस मंदिर को कष्टभंजन हनुमानजी के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि यहां भगवान हनुमान के साथ शनि देव भी विराजित हैं। यहां पर शनि देव स्त्री रूप में हनुमान के चरणों में बैठे दिखाई देते हैं। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि यदि किसी भी भक्त की कुंडली में शनि दोष हो तो कष्टभंजन हनुमान के दर्शन करने से सभी दोष खत्म हो जाते हैं।
इंदौर के शनिदेव
इंदौर (अहिल्या नगरी) में शनिदेव का प्राचीन व चमत्कारिक मंदिर जूनी इंदौर में स्थित है। इस मंदिर के संबंध में कथा प्रचलित है-
मंदिर के स्थान पर लगभग 300 वर्ष पूर्व एक 20 फुट ऊंचा टीला था, जहां वर्तमान पुजारी के पूर्वज पंडित गोपालदास तिवारी आकर ठहरे। एक रात शनिदेव ने पंडित गोपालदास को स्वप्न में दर्शन देकर कहा कि उनकी एक प्रतिमा उस टीले के अंदर दबी हुई है। शनिदेव ने पंडित को टीला खोदकर प्रतिमा बाहर निकालने का आदेश दिया। जब पंडित कहा कि वे दृष्टिहीन होने से इस कार्य में असमर्थ हैं, तो शनिदेव उनसे बोले- 'अपनी आंखें खोलो, अब तुम सब कुछ देख सकोगे।' आंखें खोलने पर पंडित गोपालदास ने पाया कि उनका अंधत्व दूर हो गया है और वे सबकुछ साफ-साफ देख सकते हैं। दृष्टि पाने के बाद पंडितजी ने टीले को खोदना शुरू किया। उनकी आंखें ठीक होने की वजह से अन्य लोगों को भी उनके स्वप्न की बात पर यकीन हो गया तथा वे खुदाई में उनकी मदद करने लगे। पूरा टीला खोदने पर पंडितजी का स्वप्न सच साबित हुआ तथा उसमें से शनिदेव की एक प्रतिमा निकली। बाहर निकालकर उसकी स्थापना की गई। यही प्रतिमा आज इस मंदिर में स्थापित है।