-प. रामप्रसाद मालवीय
फरवरी माह में कैसा होगा देश का भविष्य या क्या संभावित घटनाक्रम हो सकता है जानिए ग्रह गोचर और नक्षत्र की चाल के अनुसार। यहां दी जा रही जानकारी संभावित है।
14 जनवरी को सूर्य ने मकर राशि में प्रवेश किया था इसके बाद 24 जनवरी को शनि ने मकर राशि में प्रवेश किया था। सूर्य और शनि के योग के चलते ही जनता में असंतोष बढ़ा है। सूर्य और शनि का मकर राशि में योग सत्तारूढ़ पार्टी के लिए सही नहीं है जनता के रोष को संभालना और उन्हें संतुष्ट करना इस माह तो मुश्किल है।
सूर्य शनि के योग से कहीं प्राकृति उपद्रव तो कहीं भयानक दुर्घटनाओं का योग बनाता है। इसके चलते जन और धन की हानि होना संभव है। पश्चिम के देशों में भी राजनीतिक अशांत और प्राकृतिक आपदाओं के संकेत मिलते हैं।
2 फरवरी से बृहस्पति पूर्वाषाढ़ नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश करेगा। इसके चलते लोहा, शीशा, रांगा, चांवल, खांड, अनाज, सरसों तेल, अलसी, अरंडी, तिलहन, गुड़, आदि के भावों में उठापटक होने की संभावन है। सोना और चांदी में गिरावट हो सकती है।
तारीख 13 से 16 फरवरी तक वायदा कारोबार एवं हाजरा बाजारों में तेजी देखने को मिलेगी। दक्षिण और उत्तर भारत के कुछ प्रांतों में कहीं बादल देखने को मिलेंगे तो कहीं पर खंडवृष्टि का संकेत हैं। 13 तारीख को सूर्य मकर से निकल कर कुंभ में प्रवेश करेंगे।