गणेशोत्सव का पर्व गणेश चतुर्थी से शुरू होकर 10 दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है। अनंत चतुर्दशी के ही दिन श्री गणेश विसर्जन भी होता है अर्थात 19 सितंबर 2021, रविवार के दिन होगा।
इस दिन श्री गणेश विसर्जन से पूर्व स्थापित श्री गणेश प्रतिमा का संकल्प मंत्र के बाद षोड़शोपचार पूजन-आरती करना चाहिए। गणेश जी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं। मंत्र बोलते हुए 21 दूर्वा-दल चढ़ाएं। 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू मूर्ति के पास चढ़ाएं और 5 ब्राह्मण को प्रदान कर दें। शेष लड्डू प्रसाद के रूप में बांट दें।
पूजन के समय यह मंत्र बोलें- ॐ गं गणपतये नम:
दूर्वा-दल चढ़ाते समय यह मंत्र बोलें- श्री गणेश को 21 दूर्वा-दल चढ़ाई जाती है। दो दूर्वा-दल नीचे लिखे नाम मंत्रों के साथ चढ़ाएं।
- ॐ गणाधिपाय नम:
- ॐ उमापुत्राय नम:
- ॐ विघ्ननाशनाय नम:
- ॐ विनायकाय नम:
- ॐ ईशपुत्राय नम:
- ॐ सर्वसिद्धप्रदाय नम:
- ॐ एकदन्ताय नम:
- ॐ इभवक्त्राय नम:
- ॐ मूषकवाहनाय नम:
- ॐ कुमारगुरवे नम:
इसके बाद श्री गणेश की आरती करें और विसर्जन स्थल पर ले जाकर पुन: एक बार आरती करें एवं श्री गणेश की प्रतिमा जल में विसर्जित कर दें और यह मंत्र बोलें-
यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च ॥
धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि इस दौरान यदि नदी या तालाब से थोड़ा जल लेकर गणेश प्रतिमा पर चढ़ा दिया जाए तो यह विधिवत विसर्जन ही माना जाएगा।