बिछिया सुहाग का प्रतीक है। सुहागिन महिलाएं बिछियां पहनती हैं। बिछिया अक्सर चांदी या स्टील की पहनते हैं। हिन्दू ग्रंथों के अनुसार दोनों पैरों में चांदी की बिछिया पहनने से महिलाओं को आने वाली मासिक चक्र नियमित हो जाती है। इससे महिलाओं को गर्भ धारण में आसानी होती है। बिछिया पहनने का प्रचलन रामायण काल में भी मिलता है। आओ जानते हैं कि सोनी की बिछियां क्यों नहीं पहनने हैं।
1. सोना एक पवित्र धातु है। यह बृस्पति की धातु है जिसे हमेशा सिर पर, गले में और बाजुओं में ही धारण किया जाता है।
2. यदि आपने सोना धारण कर रखा है तो आप शराब और मांसाहार का सेवन न करें। ऐसा करने से आप समस्याओं से घिर सकते हैं। सोना बृहस्पति की पवित्र धातु है और इसकी पवित्रता बनाए रखना जरूरी है।
3. सोना एक गर्म धातु है और चांदी ठंडी। अब आपको यह देखना होगा कि आपकी तासीर कैसी है। यदि गर्म है तो सोना पहनने से आपको सेहत की समस्या हो सकती है।
4. महिलाओं को कमर में सोना धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपका पाचन तंत्र खराब हो सकता है। पेट के अलावा गर्भाशय, यूट्रस आदि संबंधी समस्याएं भी हो सकती है।
5. पैरों में सोने की बिछियां या पायल नहीं पहनना चाहिए क्योंकि यह बहुत ही पवित्र धातु है। यह बृहस्पति की धातु है। पैरों में पहनने से दांपत्य जीवन में परेशानी आती है।
6. सोने की बिछिया शारीरिक गर्मी का संतुलन खराब करके रोग उत्पन्न कर सकती है। सोना ऊर्जा और गर्मी दोनों ही पैदा करता है साथ ही यह विष के प्रभाव को दूर भी करता है।