शुभ एवं मंगलकारी रहेगी आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि, जानें 9 दिन कौन-सा लगाएं भोग
30 जून से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि (month of ashadha) प्रारंभ हो गई है, यह 8 जुलाई को समाप्त होगी। ज्योतिषाचार्य पं. प्रणयन पाठक ने ग्रह-नक्षत्रों का विश्लेषण कर इस गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) को बेहद शुभ बताया है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस वर्ष गुरुवार को गुरु के नक्षत्र में गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो रही है, जो कि शुभ संकेत है। यदि अविवाहित लोग इस नवरात्र में साधना करते हैं तो उनके विवाह की मनोकामना शीघ्र पूर्ण होगी। इस नवरात्रि में मंगल कार्य के अधिक योग बन रहे हैं। देशभर में जहां-जहां भी शक्तिपीठ हैं, उस शहर में व्यापार-व्यवसाय तेजी से प्रगति करेगा। सरकार की कई योजनाएं ऐसे शहरों पर लागू होने के योग हैं।
इस नवरात्रि में प्रतिदिन अलग-अलग तरीके से आराधना करते से विभिन्न लाभ होते हैं। यहां जानिए-9 days prasad
प्रतिपदा को गाय के घी की मिठाई का नैवेद्य लगाने से रोगों से मुक्ति मिलेगी।
द्वितीया को पंचामृत का नैवेद्य लगाने से उम्र बढ़ती है।
तृतीया को दूध से अभिषेक व दूध की वस्तु चढ़ाने से दुख से मुक्ति मिलती है।
चतुर्थी पर मालपुए के नैवेद्य से बुद्धि का विकास होता है।
पंचमी पर केले का नैवेद्य लगाने से स्वास्थ्य लाभ होता है।
षष्ठी पर शहद का नैवेद्य लगाने से जातक में आकर्षण बढ़ता है।
सप्तमी पर गुड़ का नैवेद्य लगाने से संकटों का नाश होता है।
अष्टमी पर नारियल का प्रसाद चढ़ाने से संतान के लिए अच्छा रहता है।
नौंवे दिन यानी नवमी तिथि पर हलवे का नैवेद्य लगाने से सुख-समृद्धि होती है।
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