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Gupt Navratri 2023: आज से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, दस महाविद्या के नाम और उनके 10 सिद्ध मंत्र

हमें फॉलो करें Gupt Navratri 2023: आज से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, दस महाविद्या के नाम और उनके 10 सिद्ध मंत्र
Gupta Navratri 2023: आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का पर्व 19 जून से आरंभ हो गया है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार वर्ष में 2 गुप्त नवरात्रियां पड़ती हैं। पहली आषाढ़ मास में और दूसरी माघ मास में। मान्यतानुसार गुप्त नवरात्रि का समय साधना, दान-पुण्य और पूजन का होता है तथा इन दिनों 10 महाविद्याओं की पूजा-साधना की जाती है। 
 
बता दें कि गुप्त नवरात्रि के दिनों में आप जिस भी देवी की पूजा-साधना करते हैं, उनकी पूजा में आप उनके मंत्र का ही जाप करते हैं। इस संबंध में 10 देवी मां के खास मंत्र भी आपकी सुविधा के लिए दिए जा रहे हैं। अत: पूजन के पश्‍चात इन मंत्रों का जाप करके आप गुप्त नवरात्रि का पूरा लाभ उठा सकते हैं। 
 
इस बार 19 जून से आरंभ होने वाला गुप्त नवरात्रि पर्व 27 जून तक जारी रहेगा। आइए जानते हैं यहां दस महाविद्याओं के नाम और उनके मंत्रों के बारे में
 
गुप्त नवरात्रि में जिन दस महाविद्याओं की पूजा होती है, उनके नाम निम्नानुसार हैं- 
 
1. काली, 2. तारा, 3. त्रिपुरसुंदरी, 4. भुवनेश्वरी, 5. छिन्नमस्ता, 6. त्रिपुरभैरवी, 7. धूमावती, 8. बगलामुखी, 9. मातंगी और 10. कमला। 
 
गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली साधना में उक्त दस महाविद्याओं का संबंध अलग-अलग देवियों से हैं।
 
गुप्त नवरात्रि की दस महाविद्याओं के खास मंत्र : 

1. देवी काली : ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा:।
 
2. मां तारा : ऐं ॐ ह्रीं क्रीं हूं फट्।
 
3. मां त्रिपुर सुंदरी : श्री ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं क्रीं कए इल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नम:।
 
4. भुवनेश्वरी माता : ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सौ: भुवनेश्वर्ये नम: या ह्रीं।
 
5. छिन्नमस्ता देवी: श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्रवैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा:।
 
6. मां त्रिपुरभैरवी : ह स: हसकरी हसे।'
 
7. देवी धूमावती : धूं धूं धूमावती ठ: ठ:।
 
8. मां बगलामुखी : ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिव्हा कीलय, बुद्धिं विनाश्य ह्लीं ॐ स्वाहा:।
 
9. देवी मातंगी : श्री ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा:।
 
10. मां कमला देवी : ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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Gupta Navaratri 2023 
 

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