पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। 27 नक्षत्रों के क्रम में आठवें स्थान पर पुष्य नक्षत्र आता है। आइए जानते हैं गुरु पुष्य नक्षत्र में किए जाने वाले 10 कार्य....
गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन सोने के आभूषण खरीदने से समृद्धि बनी रहती है।
गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन जमीन, मकान और वाहन खरीदना शुभ माना जाता है।
गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन दक्षिणावर्ती शंख को अपनी दुकान में रखने से व्यापार में बढ़ोत्तरी होती है।
गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन चांदी का एक चौकोर टुकड़ा खरीदकर लाने और उसका पूजन करने से आर्थिक संकट दूर होता है।
गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन विष्णु भगवान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा और श्रीयंत्र खरीदने से समृद्धि आती है।
गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन छोटे बच्चों का उपनयन संस्कार और विद्याभ्यास के लिए गुरुकुल में भेजना चाहिए।
गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन नए व्यापार की शुरुआत करना श्रेष्ठ माना गया है।
गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन तंत्र-मंत्र की सिद्धि करने से निश्चित ही सफलता मिलती है।
गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन गाय को गुड़ खिलाने से आर्थिक लाभ होता है।
यदि किसी के जन्म कुंडली में गुरु दोष हो तो गुरु पुष्य नक्षत्र का दिन गुरु दोष के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है।
गुरु पुष्य अमृत योग में भगवान शिव, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन करें।
मंत्र : ॐ बृं बृहस्पते नम:, ॐ ऐ क्लीं बृहस्पतये नमः, ॐ क्रीं कृष्णाय नमः, 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:
दान : पुखराज, सोना, कांसी, चने की दाल, खांड, घी, पीला कपड़ा, पीला फूल, हल्दी, पुस्तक, घोड़ा, पीला फल दान करना चाहिए।