विवाह में क्यों जरूरी है गुरु-शुक्र अस्त पर विचार
विवाह मुहूर्त का शोधन करते समय त्रिबल शुद्धि के साथ गुरु-शुक्रास्त का भी विचार करना आवश्यक होता है। ऐसा क्यों है, आइए जानें...
शुक्र भोग-विलास का नैसर्गिक कारक होने के कारण दाम्पत्य सुख का प्रतिनिधि होता है वहीं गुरु कन्या के लिए पतिकारक होता है। इन दोनों ग्रहों का अस्त होना दाम्पत्य के लिए हानिकारक माना गया है। विवाह मुहूर्त निकालते समय यदि गुरु व शुक्र अस्त प्रारूप में हों तो विवाह नहीं करना चाहिए। गुरु व शुक्र के उदित प्रारूप होने पर ही विवाह करना शास्त्र सम्मत है।
इसलिए जनवरी 2018 में नहीं है विवाह मुहूर्त-
आगामी पौष कृष्ण पक्ष 13 दिन शुक्रवार दिनांक 15.12.2017 को शुक्र अस्त हो रहा है जो माघ कृष्ण पक्ष 13 दिन रविवार दिनांक 3.2.2018 को उदित होगा। शुक्र के अस्त प्रारूप होने के कारण जनवरी माह में विवाह मुहूर्त निषेध रहेगा।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया