नवग्रहों में गुरु या बृहस्पति ग्रह को ही सर्वश्रेष्ठ ग्रह क्यों माना जाता है। गुरु की राशि धनु और मीन है। गुरुवार इनका दिन है। गुरुवार की प्रकृति क्षिप्र है। यह दिन ब्रह्मा और बृहस्पति का दिन माना गया है। गुरुवार की दिशा ईशान है। ईशान में ही देवताओं का स्थान माना गया है। इस दिन आप मात्र 5 कार्य करेंगे तो मिलेंगे पांच तरह के फायदे।
पांच कार्य करें:
1. गुरुवार का व्रत करें।
2. गुरुवार को केसर का तिलक लगाएं।
3. गुरुवार को पीपल में जल चढ़ाएं।
4. गुरुवार को मंदिर जरूर जाएं।
5. गुरुवार को प्रायश्चित करें और कोई भी नया संकल्प लें।
पांच फायदे :
1. गुरुवार का व्रत करने से मनुष्य के भाग्य खुल जाते हैं। जातक को गुरुवार का व्रत अवश्य करना चाहिए क्योंकि बृहस्पति से ही भाग्य जागृत होता है।
2. गुरुवार को केसर का तिलक लगाने से कुंडली में बृहस्पति के अच्छे प्रभाव मिलते हैं। कुंडली में बृहस्पति अच्छा है तो जीवन में सबकुछ अच्छा ही होगा। कुंडली में चौथा, पांचवां और नौवें भाव पर अपना प्रभाव रखते हैं। चौथे में अच्छा फल देते हैं और नौवें में भाग्य खोल देते हैं।
3.गुरुवार को पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाने से जहां भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं वहीं पितृदोष भी मिट जाता है और पितृदेव आशीर्वाद देते हैं।
4. गुरुवार को मंदिर जाने से सभी देवी और देवता प्रसन्न होते हैं और जातक उनकी कृपा प्राप्त करके जीवन के संकटों से बच जाता है।
5. झूठ नहीं और गुरुवार को पापों का प्रायश्चित करने से पाप नष्ट हो जाते हैं, साथ ही कोई नया संकल्प लेने या कार्य करने से वह संकल्प और कार्य सफल हो जाता है।