कलिकाल में हनुमानजी की भक्ति ही कही गई है। हनुमानजी की निरंतर भक्ति करने से भूत पिशाच, शनि और ग्रह बाधा, रोग और शोक, कोर्ट-कचहरी-जेल बंधन से मुक्ति, मारण-सम्मोहन-उच्चाटन, घटना-दुर्घटना से बचना, मंगल दोष, कर्ज से मुक्ति, बेरोजगार और तनाव या चिंता से मुक्ति मिल जाती है। विशेष दिन और विशेष समय पर हनुमानजी की पूजा, साधना या आराधना करने से वे तुरंत ही प्रसन्न होते हैं।
1. शनिवार को हनुमानजी का सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। शनिवार को सुंदरकांड या हनुमान चालीसा पाठ करने से शनि भगवान आपको लाभ देने लगेंगे। शनिवार को हनुमान मंदिर में जाकर हनुमानजी को आटे के दीपक लगाएं।
2. मंगलवार को हनुमान पूजा, आराधान या हनुमान चालीसा पढ़ने से सभी तरह के संकट दूर होकर मंगल दोष भी मिट जाता है। किसी भी मांगलिक कार्य की सिद्ध के लिए या कर्ज से मुक्ति के लिए मंगलवार को उनकी आराधना करना चाहिए।
3. मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन व्रत करने से और इसी दिन हनुमान-पाठ, जप, अनुष्ठान आदि प्रारंभ करने से त्वरित फल प्राप्त होता है।
4. हनुमान जयंती के दिन विशेष आराधना करना चाहिए। पहली चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को और दूसरी कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमान जयंती मनाई जाती है। दोनों ही दिन सर्वश्रेष्ठ है।
पहली चैत्र माह की तिथि को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में जबकि दूसरी तिथि को जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। पहली तिथि के अनुसार इस दिन हनुमानजी सूर्य को फल समझ कर खाने के लिए दौड़े थे, उसी दिन राहु भी सूर्य को अपना ग्रास बनाने के लिए आया हुआ था लेकिन हनुमानजी को देखकर सूर्यदेव ने उन्हें दूसरा राहु समझ लिया। इस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा थी। जबकि दूसरी तिथि के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को उनका जन्म हुआ हुआ था। अत: इस दिन हनुमान पूजा करने से सभी तरह का संकट टल जाता है और निर्भिकता का जन्म होता है।
5. उपरोक्त के अलावा हनुमानजी की पूजा पूर्णिमा और अमावस्या को भी विशेष रूप से की जाती है। इस दिन की गई पूजा हर तरह के भय, चंद्रदोष, देवदोष, मानसिक अशांति, भूत-पिशाच और सभी तरह की घटना-दुर्घटना से बचाती है।