होली खेलने के पहले आने वाले 8 दिनों को होलाष्टक कहा जाता है। यह 8 दिन बहुत ही अशुभ माने जाते है। इस समयावधि में कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है तथा होलाष्टक के समापन स्वरूप होलिका दहन तथा तत्पश्चात होली मनाई जाती है। इस बार 27 फरवरी से शुरू हुआ होलाष्टक 7 मार्च को खत्म होगा तथा 8 मार्च को होली खेली जाएगी।
आइए जानते हैं इन दिनों में क्या सावधानी रखना उचित रहता है-
1. 27 फरवरी 2023 से होलाष्टक प्रारंभ हो गया है, जो कि 7 मार्च तक जारी रहेगा। ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि में होलाष्टक एक दोष माना जाता है। अत: इन आठ दिनों में कोई भी मांगलिक कार्यों को करना निषेध होता है। इसीलिए इस समय मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है।
2. होलाष्टक की अवधि में नवविवाहिताओं को मायके में रहने की सलाह दी जाती है।
3. होलाष्टक के दौरान विशेष रूप से शुभ मांगलिक विवाह, नवीन गृह निर्माण कार्य तथा किसी भी नए कार्यों को आरंभ नहीं करना चाहिए। क्योंकि मान्यता के अनुसार इन दिनों में किए गए कार्यों से कष्ट तथा अनेक पीड़ाओं की आशंका रहती है। इतना ही नहीं विवाह आदि संबंध विच्छेद और कलह का शिकार भी हो जाते हैं या अकाल मृत्यु का खतरा या रोग होने की आशंका बढ़ जाती है।
4. ज्योतिष मान्यता के अनुसार होलाष्टक से मौसम में परिवर्तन होना शुरू होता है तथा सूर्य का प्रकाश तेज होने के साथ-साथ हवाएं भी ठंडी रहती है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति रोग की चपेट में आ सकता है तथा मन की स्थिति भी अवसाद ग्रस्त रहती है। अत: इस समयावधि में मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।
5. मान्यतानुसार इन दिनों अष्टमी को चंद्र, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव में रहते हैं। अत: इन दिनों नवीन व्यापार, भवन निर्माण शुभ तथा मांगलिक कार्यों को ना करते हुए होलाष्टक के आठ दिनों को व्रत, पूजन और हवन आदि करना धार्मिक दृष्टि से अच्छा समय माना गया है।