सोना यानी गोल्ड अत्यंत पवित्र भी है और अत्यंत मूल्यवान भी है। सोना आपके भाग्य को जगा भी सकता है और सुला भी सकता है। इससे आपको लाभ भी हो सकता है और भारी नुकसान भी। किन लोगों को सोना पहनना चाहिए और किन्हें नहीं यह जानना भी जरूरी है। सोने का खोना और पाना दोनों ही अशुभ होता है।
केवल शौक के लिए सोना नहीं पहनना चाहिए। जरूरत और लाभ को ध्यान में रखकर ही सोना धारण करना चाहिए। सोना पहनने से आपको फायदा होता है तो यह आपको धनवान और समृद्ध बनाता है और यदि यह नुकसान पहुंचाए तो आपके जीवन में घटना या दुर्घटनाएं बढ़ जाती है।
हम आपको बताएंगे कि सोने को कहां धारण नहीं करना चाहिए और सोने को कहां नहीं रखना चाहिए। सोना आपके जीवन को संवार भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। अत: सोने के बारे में कुछ नियम जानना जरूरी है।
पहला नियम :
सोने धारण करने के लाभ : अगर सम्मान और राज पक्ष से सहयोग चाहते हैं तो सोना पहनें। यदि एकाग्रता चाहते हैं तो तर्जनी अंगुली में सोना पहने। दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं तो गले में सोने की चैन पहनें। यदि संतान नहीं हो रही है तो अनामिका अंगुली में सोना धारण करना चाहिए।
दूसरा नियम :
सोना ऊर्जा और गर्मी दोनों ही पैदा करता है साथ ही यह विष के प्रभाव को दूर भी करता है। अगर सर्दी जुकाम या सांस की बीमारी हो तो कनिष्ठा अंगुली में सोना धारण करें। लेकिन इससे पहले यह भी जानना जरूरी है कि आपकी कुंडली में कौन सा ग्रह कहां बैठा है। इसलिए किसी ज्योतिष से पूछकर ही यह कार्य करें।
तीसरा नियम :
सोना धारण करने के नुकसान : जिन लोगों को पेट या मोटापे की समस्या हो उनको सोना धारण नहीं करना चाहिए और जो लोग बहुत क्रोधी, वाचाल और व्यग्र (अधैर्य) हैं उनको सोना धारण नहीं करना चाहिए।
चौथा नियम :
गुरु खराब हो तो न पहने सोना : सोने का मुख्य रूप से रंग पीला होता है इसीलिए इसमें बृहस्पति का प्रतिनिधि माना जाता है। जिनकी कुंडली में बृहस्पति खराब हो या किसी भी प्रकार से दूषित हो ऐसे लोगों को भी सोने के प्रयोग से बचना चाहिए।
लग्न अनुसार सोना धारण करना : यदि आपका लग्न मेष, कर्क, सिंह और धनु है तो आपके लिए सोना धारण करना उत्तम होगा। वृश्चिक और मीन लग्न के लोगों के लिए मध्यम और वृषभ, मिथुन, कन्या और कुंभ लग्न के लिए उत्तम नहीं होता है। तुला और मकर लग्न के लोगों को सोना कम से कम पहनना चाहिए। जहां और जब जरूरत हो तब ही पहनना चाहिए।
पांचवां नियम :
शनि का व्यवसाय करते हो तो : जो लोग लौहे का, कोयले का या शनि संबंधित किसी धातु का व्यापार करते हों उनको भी सोना धारण नहीं करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको व्यापार में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
छठा नियम :
गर्भवती और वृद्ध महिलाएं न पहने सोना : जो महिलाएं गर्भवती हैं और जो महिलाएं वृद्ध हैं उनको भी सोना धारण नहीं करना चाहिए। थोड़ा बहुत सोना पहन सकते हैं लेकिन ज्यादा सोना पहनने से समस्याएं शुरू हो सकती है।
सातवां नियम :
दाएं हाथ में ही पहने सोना : सोना बाएं हाथ में नहीं पहनना चाहिए। बाएं हाथ में तभी पहने जब विशेष आवश्यकता हो। बाएं हाथ में सोना पहनने से परेशानियां शुरू हो सकती है। सोने की वस्तु का दान और उपहार उसे दें जो आपका प्रिय हो। किसी भी अनजान या अप्रिय को सोना न दें।
आठवां नियम :
पैर और कमर में न पहनें सोना : पैरों में सोने की बिछिया या पायल नहीं पहनना चाहिए क्योंकि यह बहुत ही पवित्र धातु है। यह बृहस्पति की धातु है। पैर में पहनने से दांपत्य जीवन में परेशानी आती है।
कमर में सोना : कमर में सोना धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपका पाचन तंत्र खराब हो सकता है। पेट संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है। गर्भाशय, यूट्रस आदि संबंधी समस्याएं भी हो सकती है।
नौवां नियम :
शराब और मांसाहार निषेध : यदि आपने सोना धारण कर रखा है तो आप शराब और मांसाहार का सेवन न करें। ऐसा करने से आप समस्याओं से घिर सकते हैं। सोना बृहस्पति की पवित्र धातु है और इसकी पवित्रता बनाए रखना जरूरी है।
सोने को सिरहाने न रखें : सोने को सोते वक्त सिरहाने न रखें। बहुत से लोग अपनी अंगुठी या चैन निकालकर तकिये के नीचे रख देते हैं। इससे नींद संबंधी समस्या तो होगी ही साथ अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है।
दसवां नियम :
घर में सोना ईशान कोण में रखे : अक्सर लोग सोना तिजोरी में, अलमारी में या लॉकर में रखते हैं। सोना जहां भी रखे उसे लाल कपड़े में बांधकर रखे। इससे बृहस्पति को मंगल की सहायता मिलने लगेगी और आपकी समृद्धि बढ़ती जाएगी। सोना घर के ईशान या नैऋत्य कोण में रखेंगे तो ज्यादा बेहतर होगा।
सोने के साथ नकली आभूषण न रखें। कुछ लोग सिक्के रख देते हैं तो यह भी उचित नहीं। ऐसा करने से बृहस्पति अशुभ होकर अपना शुभ प्रभाव देना छोड़ देता है।