कार्तिक मास चल रहा है। इस माह में विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के साथ ही यम, धन्वंतरि, गोवर्धन, श्रीकृष्ण, चित्रगुप्त आदि की पूजा का महत्व होता है। इस माह में एक साथ समस्त देवी-देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है। आओ जानते हैं कि इस माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं जानते हैं।
1. पीपल पूजा : पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का पीपल के वृक्ष पर निवास रहता है। पूर्णिमा के दिन जो भी जातक मीठे जल में दूध मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाता है उस पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
2. चावल का दान : कार्तिक मास में गरीबों को चावल दान करने से चन्द्र ग्रह शुभ फल देता है।
3. शिवलिंग पूजा : इसी तरह इस माह शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद व गंगाजल मिला कर चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
4. द्वार श्रृंगार और पूजा : कार्तिक मास के प्रमुख पर्वों पर घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों का तोरण बांधें।
5. उपहार : इस माह पत्नी या किसी नन्ही बच्ची को उपहार दें।
6. रंगोली : कार्तिक मास में माह भर द्वार पर रंगोली जरूर बनाएं। इससे विशेष समृद्धि के योग बनते हैं। नवग्रह प्रसन्न होते हैं।
ये कार्य न करें :
1. शादीशुदा व्यक्ति कार्तिक मास में शारीरिक संबंध न बनाएं वरना चन्द्रमा के दुष्प्रभाव आपको व्यथित करेंगे।
2. इस माह में मांसाहार, शराब और मछली आदि तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
3. इस माह में बैंगन, दही, करेला और जीरा नहीं खाना चाहिए। मूली खाना फायदेमंद होगा।
4. दलहन (दालों) खाना निषेध- कार्तिक महीने में द्विदलन अर्थात उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि नहीं खाना चाहिए।