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पिशाच योग रहेगा 18 मई तक इसके बाद खप्पर योग में होगा पाकिस्तान का नाश

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WD Feature Desk

, शनिवार, 10 मई 2025 (11:40 IST)
India Pak War 2025: 29 मार्च 2025 शनिवार के दिन शनि ग्रह बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश किया था, जहां पर राहु पहले से ही विराजमान है।शनि और राहु की युति से एक और पिशाच योग बना है जो 18 मई तक रहेगा। 15 मार्च से 11 जून तक खप्पर योग चल रहा है लेकिन 14 मई को बृहस्पति के मिथुन राशि में जाने के बाद यह योग और भी प्रबल हो जाएगा। इस योग के दौरान ही मंगल का षडाष्टक योग भी बनेगा जो आने वाले समय में भारत पाक युद्ध को और भी ज्यादा बढ़ा देगा इसमें आगे क्या होगा जानिए। इस बीच गुरु का अतिचारी गोचर देश और दुनिया के हालात को बिगाड़ देगा।ALSO READ: राहु और मंगल का षडाष्टक योग, 3 राशियों को रहना होगा सतर्क
 
खप्पर योग का प्रभाव: पिशाच योग ने जहां भारत और पाकिस्तान में युद्ध की शुरुआत कर दी है वहीं अब खप्पर योग के चलते पाकिस्तान में तबाही की शुरुआत होगी। ऐसी तबाही जिसे दुनिया देखेगी। इसका उल्लेख भारतीय पंचांग में वर्ष 2025 के शुरु होने से पहले ही कर दिया था। पंचांग में स्पष्ट लिखा है कि कश्मीर, बलूचिस्तान और सिंध जैसे क्षेत्र में युद्ध, आतंक और गृहयुद्ध जैसे हालात होंगे। 
 
यदि किसी चंद्र मास में 5 शनिवार, 5 रविवार या 5 मंगलवार आ जाए तो खप्पर योग बनता है। 15 मार्च से 11 जून तक खप्पर योग बन रहा है। इसके बाद 11 जुलाई से लेकर 7 अक्टूबर तक खप्पर योग बना रहेगा। इसको लेकर कुछ ज्योतिषियों का विश्लेषण है कि 14 मई से लेकर 14 जून के बीच का समय भारत के लिए खराब है। हालांकि कुछ अन्य ज्योतिषियों के अनुसार जून से लेकर अक्टूबर का समय विचित्र हो सकता है, जिसमें होने वाली घटनाओं से दुनिया को हैरानी हो सकती है। इसमें प्राकृतिक आपदाओं, महामारी, युद्ध और दंगों के कारण देश को बड़ी आर्थिक और जनहानि का सामना करना पड़ सकता है।ALSO READ: राहु और मंगल का षडाष्टक योग, 3 राशियों को रहना होगा सतर्क
 
क्या होगा षडाष्टक योग का प्रभाव:
18 मई से 7 जून तक मंगल और राहु का षडाष्टक योग रहेगा। 7 जून को मंगल ग्रह कर्क से निकलकर सिंह में गोचर करेगा तब शनि के साथ उसका षडाष्टक योग बनेगा। हालांकि वर्तमान में तो 18 से 7 जून का समय, यानी करीब 20 दिनों तक ज्यादा अशुभ समय रहेगा। इस दौरान मौसम में अचानक से बदलाव होगा। प्राकृतिक आपदाएं बढ़ जाएगी, भूकंप और अग्निकांड के साथ ही घटना-दुर्घटनाएं भी बढ़ेगी। इसके चलते दो देशों के बीच तनाव चरम पर रहेगा।
 
मंगल ग्रह साहस, पराक्रम, ऊर्जा, शक्ति, सामर्थ्य, संकल्प, युद्ध और क्रोध आदि का कारक ग्रह है। सभी जानते हैं कि कर्क राशि में मंगल नीच का प्रभाव देता है जो कि दे रहा है। यह वर्ष भी मंगल का है और हिंदू नववर्ष सूर्य का है। भारत की कुंडली में मंगल तीसरे भाव में नीच अवस्था में है। तीसरा भाव भाई बहन और पड़ोसी का भाव भी है। नीच अवस्था में होने के कारण कुछ पड़ोसी राष्ट्रों के कारण भारत परेशान रहेगा। इस दौरान कुछ पड़ोसी राष्ट्र समस्या पैदा तो करेंगे लेकिन भारत उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगा क्योंकि भारत की कुंडली में और पीएम मोदी जी कुंडली में मंगल पराक्रम अवस्था में है। ऐसे में भारत हर तरह के उपद्रव को शांत करने में कामयाब होगा।

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