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India Pakistan War: क्या सच में मिट जाएगा पाकिस्तान का वजूद, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र?

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WD Feature Desk

, शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025 (17:56 IST)
राजस्थान के अनूपगढ़ में भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को जबरदस्‍त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इस बार हम ऑपरेशन सिंदूर 1.0 जैसा संयम नहीं रखेंगे। इस बार हम कुछ ऐसा करेंगे, जिससे पाकिस्तान को सोचना पड़ेगा कि वह नक्शे पर रहना चाहता है या नहीं। आर्मी चीफ ने कहा कि अब पाकिस्‍तान सोच ले, उसे नक्शे (भूगोल) पर रहना है या नहीं। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सर क्रीक सेक्टर में किसी भी तरह की हरकत का भारत की ओर से निर्णायक जवाब होगा जो इतिहास और भूगोल दोनों बदल सकता है। इसे पहले सीएएस चीफ अनिल चौहान ने कहा थाकि एटम बम जब चलेगा तो पाकिस्तान का वजूद मिट जाएगा।
 
पाकिस्तान के खिलाफ 3 से 4 दिनों के भीतर लगातर दिए जा रहे इस तरह के बयानों से लग रहा है कि कुछ बड़ा होने वाला है, क्योंकि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आने वाला है। वह फिर से भारत पर आतंकवादी हमले की तैयारी कर रहा है। यदि ऐसा होता है तो क्या सच में होगा भारत और पाकिस्तान के बीच भयानक युद्ध? क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र? 
 
ग्रह नक्षत्र का खतरनाक गोचर:
वर्ष 2025 में हमने देखा कि किस तरह शनि के मीन में जाते ही देश और दुनिया में युद्ध के नए मोर्चे खुल गए। ईरान और इजराइल का युद्ध, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध। दोनों ही युद्ध कुछ समय के लिए हुए और रुक गए। हालांकि इस बीच इजराइल का गाजा पर और रशिया का यूक्रेन पर अटैक जारी रहा और 7.3 से ज्यादा के 3 भूकंप आए। दो जगह ज्वालामुखी फिस्फोट, बादल फटना और विमान दुघटनाओं जैसी कई बड़ी घटनाओं को लोगों ने देखा होगा। क्योंकि इस वर्ष ग्रहों के कई खतरनाक योग थे। जैसे खप्पर योग, पिशाच योग, षडाष्टक योग, समसप्तक योग और कई ग्रहों का एक ही सीध में आना।
 
वर्तमान में 13 सितंबर से 27 अक्टूबर तक शनि-मंगल का षडाष्टक योग बना हुआ है। यह योग ज्वालामुखी विस्फोट, आगजनी, युद्ध, और विस्फोट जैसी घटनाओं को दर्शाता है। जैसा कि पहले ही आशंका जताई गई थी कि 29 मार्च 2025 को जब शनि मीन राशि में प्रवेश करेंगे, तो दुनिया भर में विद्रोह, युद्ध और प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ जाएंगी। यह आशंका सच साबित हुई। अभी शनि वक्री अवस्था में हैं, और 28 नवंबर 2025 तक इसी अवस्था में रहेंगे। 
 
  • बृहस्पति का मिथुन राशि में अतिचारी गोचर चल रहा है, जो 8 वर्षों तक चलेगा। 
  • बृहस्पति 18 अक्टूबर 2025 तक मिथुन राशि में रहेंगे, जिसके बाद वे तेज़ी से कर्क राशि में चले जाएंगे। 
  • कर्क में बृहस्पति नीच के हो जाते हैं, जिससे वे बुरा फल दे सकते हैं। 
  • ऐसी आशंका है कि तब भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से तनाव बढ़ सकता है।
  • 11 नवंबर 2025 को गुरु ग्रह वक्री हो जाएंगे और 5 दिसंबर 2025 को फिर से मिथुन राशि में लौट आएंगे।
  • इसके बाद, 2 जून 2026 मंगलवार को मध्यरात्रि 02:25 पर जब बृहस्पति कर्क राशि में गोचर करेंगे, तो भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर हो सकता है।
 
मंगल मचाएगा दंगल: 
भारत की कुंडली में इस वक्त मंगल मंगल की महादशा शुरू हुई है, जिसमें मंगल की ही अंतर्दशा 12 सितंबर 2025 से 9 फरवरी 2026 तक रहेगी। यदि इस दौरान पाकिस्तान कुछ बड़ी गलती करता है तो भारत का पराक्रम दुनिया देखेगी। भयानक युद्ध होगा जो पाकिस्तान के वजूद को खतरे में डाल देगा। भारत को इस बार कोई शक्ति रोक नहीं पाएगी क्योंकि मंगल देश के प्रमुख की कुंडली में भी मजबूत स्थिति में गोचर कर रहा है। 
 
6 जनवरी 2026 को धनु से निकलकर मंगल मकर में गोचर करेगा। इसके बाद वह कुंभ, मीन, मेष, मिथुन, कर्क और सिंह में गोचर करेंगे। इस गोचर के चलते भारत के खिलाफ कोई भी शक्ति सफल नहीं हो पाएगी। वर्ष 2026 में भारत एक बड़े युद्ध में जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो 28 दिसंबर 2027 तक यह युद्ध चल सकता है। वर्ष 2026 में एक ओर जहां सीमाओं पर संघर्ष बढ़ेगा वहीं प्रकृतिक आपदा, भूकंप और खद्यान संकट से दुनिया परेशान रहेगी।
 
12 जुलाई से 15 अगस्त के बीच का समय भयंकर रहने वाला है जबकि गुरु, चंद्र और सूर्य यानी यह तीनों ग्रह कर्क राशि में होंगे। यानी 15 से 12 अगस्त के बीच यह इसी राशि में रहेंगे। इस युति के बाद भारत के लिहाज से स्थितियों में सुधार होगा लेकिन विनाश के बाद। गुरु, चंद्र और सुर्य तीनों ग्रहों का पुष्य नक्षत्र में जा रहे हैं जोकि शनि का नक्षत्र है। यह शनि का नक्षत्र है। शनि और पुष्य दोनों ही न्याय के ग्रह नक्षत्र हैं जो तीनों ग्रहों के साथ जुडकर अलग-अलग कहानी लिखने का काम करेंगे। सूर्य के साथ आग और चंद्र के साथ जल प्रलय की उत्पत्ति करेंगे। यह विध्वंस के बाद सृजन की नींव भी रखेंगे। यह मीन राशि का शनि जुलाई और अगस्त 2026 के माह में अपनी पूर्ण विनाश लिया का सृजन करेगा। ऐसा ग्रह योग संकेत देते हैं। 
 
वर्तमान में विक्रम संवत 2082 के अंतर्गत कालयुक्त सिद्धार्थ संवत्सर चल रहा है। इस संवत्सर के फलानुसार भारत में और दुनिया में युद्ध और आतंकवाद की घटनाओं के दर्शन होंगे, जो एक बड़े युद्ध की भूमिका तय करेंगे। सिद्धार्थ संवत्सर के बाद विक्रम संवत 2083 जब प्रारंभ होगा तब शुरू होगा रौद्र नाम संवत्सर प्रारंभ होगा। 19 मार्च 2026 से रौद्र नाम संवत्सर प्रारंभ होगा। यानी विक्रम संवत 2083 से प्रारंभ होगा रौद्र संवत्सर। यह देश और दुनिया में नरसंहार लेकर आएगा। मध्य एशिया में नरसंहार जारी है और अब यह दक्षिण एशिया में भी देखा जाएगा। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
 

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