guru asta 2025: गुरु ग्रह 10 जून 2025 से 7 जुलाई 2025 तक अस्त रहने वाले हैं। कुछ पंचांग 12 जून 2025 से लेकर 9 जुलाई 2025 तक अस्त मान रहे हैं। गुरु के अस्त होने से सभी तरह के मांगलिक और वैवाहिक कार्य बंद हो जाते हैं। 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी है यानी आगामी 4 माह तक भी कोई मांगलिक कार्य नहीं होंगे। बृहस्पति के अस्त होने से क्या होगा देश दुनिया पर इसका प्रभाव?
ALSO READ: शनि और मंगल का षडाष्टक योग, 2 देशों के बीच युद्ध को भड़काएगा
बृहस्पति ग्रह एक महत्वपूर्ण और बड़ा ग्रह है जिसके कारण धरती की जलवायु बेहतर बनी रहती है। बृहस्पति का गोचर साल में एक बार बदलता है और साल में एक बार ही बृहस्पति ग्रह अस्त होता है। बृहस्पति ग्रह के अस्त होने का सभी राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसी के साथ ही इसका देश और दुनिया पर गहरा असर होगा।
भारत पर बृहस्पति के अस्त होने का प्रभाव:
भारत में हिमालय की रेंज और भीतर पहाड़ और जंगल है। एक और पश्चिमी घाट तो दूसरी ओर पूर्वी घाट है। इसी के साथ ही तीन ओर से यह समुद्र से घिरा हुआ है। ऐसे में धरती के कुछ भागों में से भारत भी एक है जहां पर बृहस्पति का गहरा असर देखा जा सकता है। यह धरती की जलवायु को प्रभावित करता है।
ALSO READ: शनि और मंगल का षडाष्टक योग, 3 राशियों को 50 दिनों तक रहना होगा सतर्क
यदि हम भारत की कुंडली की बात करें तो वृषभ लग्न की कुंडली में वर्तमान में बृहस्पति दूसरे भाव में रहते हुए अस्त होने जा रहे हैं। आमतौर पर लाभेश का दूसरे भाव में जाना अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है लेकिन इससे अर्थव्यवस्था पर मिश्रित प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा देश के कुछ भागों में आंतरिक कलह बढ़ सकता है। जनता को भड़काने वाला कार्य करने वाले समूह सक्रिय होकर देश में अस्थिरता को जन्म दे सकते हैं। सरकार की छवि खराब करने देश में विद्रोह भड़काने का कृत्य हो सकता है। आने वाले समय में प्राकृतिक आपदाएं भी देखने को मिल सकती हैं।