Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

vinayaka chaturthi: जेठ मास विनायक अंगारकी चतुर्थी 23 मई को है, क्या हैं मुहूर्त, मंत्र और सरल पूजा विधि

हमें फॉलो करें Jyeshta Vinayak Chaturthi 2023 Date
Vinayak Chaturthi 2023 Tithi: 
चतुर्थी तिथि श्री गणेश को समर्पित है। चतुर्थी दो प्रकार की होती है। संकष्टी और विनायकी। 8 मई 2023 को संकष्टी चतुर्थी थी और 23 मई 2023 विनायकी चतुर्थी है। ज्येष्ठ विनायक चतुर्थी का महत्व, मुहूर्त और मंत्र क्या है आइए जानते हैं। 
 
विनायक चतुर्थी 2023 Date
हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी 23 मई 2023 को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि 22 मई की तारीख को रात 11 बजकर 18 मिनट से शुरु होकर 24 मई रात 12 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि में पर्व मनाए जाने की वजह से 23 मई की तारीख को विनायक चतुर्थी का योग बनेगा।
webdunia
 
श्री गणेश पूजा का शुभ समय-10:46 से 1:55, 3:30 5:05 तक
राहुकाल में पूजा न करें - दोप. 3:00 से 4:30 बजे तक
 
विनायक चतुर्थी 2023 का महत्व 
धन, सेहत, रिश्तों में मिठास, करियर, सफलता, नौकरी, विवाह, संतान और अन्य मनचाही खुशियों के लिए श्री गणेश को चतुर्थी की तिथि पर प्रसन्न किया जाता है। जेठ मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर श्री गणेश का पूजन करने से व्रती की सारी शुभ, वांछित और अच्छी मनोकामनाएं पूरी होती है। चुंकि यह मंगलवार को आ रही है तो अंगारकी चतुर्थी का संयोग भी बन रहा है। अत: इस दिन लाल रंग की पूजा सामग्री, फूल, प्रसाद, वस्त्र, आसन, लाल चंदन, लाल रत्न आदि अर्पित करने से श्री विनायक तुरंत प्रसन्न होंगे। 
webdunia
अंगारकी विनायक चतुर्थी पूजा विधि
प्रात: स्नान करने ने बाद साफ सफाई करें, घर में गंगाजल का छिड़काव कर लें। 
 
विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी के पूजन से पहले सूर्य को लाल फूल के साथ कुमकुम मिश्रित अर्घ्य देने से बहुत लाभ मिलते हैं। 
 
श्री गणेश पूजन के लिए चांदी के पात्र में श्री गणेश की लाल रंग की प्रतिमा रखें। चांदी या पीतल की भी रख सकते हैं। 
 
गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद शकर, आम रस से श्री गणेश का अभिषेक करें। 
 
लाल आसन पर बैठकर गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें। 
 
लाल फूल चढ़ाएं। 
 
लाल वस्त्र अर्पित करें। 
 
लाल चंदन और लाल कुमकुम लगाएं। 
 
अक्षत, दूर्वा चढ़ाएं। 
 
प्रसाद चढ़ाएं। धूप दीप जलाएं। स्वच्छ सुगंधित वातावरण में श्री गणेश की आराधना-उपासना करें। 
 
श्री गणेश के जो भी मंत्र, चालीसा, स्तोत्र, स्तुति आदि का पाठ कर सकें, जरूर करें। 
 
कर्पूर जलाकर अपनी मनोकामना अवश्य बोलें। 
 
आरती करें। 
 
रात्रि में चंद्र दर्शन करें। मोदक से उपवास का पारण करें। 
webdunia

श्री गणेश के मंत्र 
 
॥ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥
 
॥गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
 
॥श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येशु सर्वदा॥
 
॥ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा॥
 
॥ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौ गं गणपतये वर वरद सर्व जनं मे वशमानाय स्वाहा॥ 
 
 ॥ॐ नमो हेरम्ब मय मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।॥
webdunia

श्री गणेेश द्वादश नामावली  
 
1. ॐ सुमुखाय नम: 
2. ॐ एकदंताय नम: 
3. ॐ कपिलाय नम: 
4. ॐ गजकर्णाय नम: 
5. ॐ लंबोदराय नम: 
6. ॐ विकटाय नम: 
7. ॐ विघ्ननाशाय नम: 
8. ॐ विनायकाय नम: 
9. ॐ धूम्रकेतवे नम: 
10. ॐ गणाध्यक्षाय नम: 
11. ॐ भालचंद्राय नम: 
12. ॐ गजाननाय नम:
webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

23 मई 2023 मंगलवार का राशिफल: आज किन 5 राशियों को मिलेंगे नौकरी, व्यापार में लाभ के अवसर