Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कार्तिक मास में निभाएं ये 7 नियम, हर मनोकामना होगी पूरी...

हमें फॉलो करें कार्तिक मास में निभाएं ये 7 नियम, हर मनोकामना होगी पूरी...
- श्री रामानुज  
 

 
हिन्दू पौराणिक और प्राचीन ग्रंथों में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस पूरे कार्तिक मास में व्रत व तप का विशेष महत्व बताया गया है। उसके अनुसार, जो मनुष्य कार्तिक मास में व्रत व तप करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। 
 
पुराणों में कहा है कि भगवान नारायण ने ब्रह्मा को, ब्रह्मा ने नारद को और नारद ने महाराज पृथु को कार्तिक मास के सर्वगुण संपन्न माहात्म्य के संदर्भ में बताया है। कार्तिक मास में 7 नियम प्रधान माने गए हैं, जिन्हें करने से शुभ फल मिलते हैं और हर मनोकामना पूरी होती है। ये 7 नियम इस प्रकार हैं -
 
पहला नियम :

दीपदान - धर्म शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास में सबसे प्रमुख काम दीपदान करना बताया गया है। इस महीने में  नदी, पोखर, तालाब आदि में दीपदान किया जाता है। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
 
दूसरा नियम :

तुलसी पूजा - इस महीने में तुलसी पूजन करने तथा सेवन करने का विशेष महत्व बताया गया है। वैसे तो हर मास में तुलसी का सेवन व आराधना करना श्रेयस्कर होता है, लेकिन कार्तिक में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना माना गया है।
 
तीसरा नियम :

भूमि पर शयन - भूमि पर सोना कार्तिक मास का तीसरा प्रमुख काम माना गया है। भूमि पर सोने से मन में  सात्विकता का भाव आता है तथा अन्य विकार भी समाप्त हो जाते हैं। 
 
 
webdunia

 


चौथा नियम : 

तेल लगाना वर्जित - कार्तिक महीने में केवल एक बार नरक चतुर्दशी (कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी) के दिन ही शरीर पर  तेल लगाना चाहिए। कार्तिक मास में अन्य दिनों में तेल लगाना वर्जित है।
 
पांचवां नियम : 

दलहन (दालों) खाना निषेध - कार्तिक महीने में द्विदलन अर्थात उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि नहीं खाना  चाहिए।
 
छठा नियम : 
 
ब्रह्मचर्य का पालन - कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन अति आवश्यक बताया गया है। इसका पालन नहीं करने  पर पति-पत्नी को दोष लगता है और इसके अशुभ फल भी प्राप्त होते हैं। 
 
सातवां नियम : 

संयम रखें - कार्तिक मास का व्रत करने वालों को चाहिए कि वह तपस्वियों के समान व्यवहार करें अर्थात कम बोले, किसी की निंदा या विवाद न करें, मन पर संयम रखें आदि।

 


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बैकुंठ चतुर्दशी पर 14 दीपक जलाकर करें श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न...