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विधानसभा चुनाव में भाजपा को होगी बड़ी हानि, पढ़ें ज्योतिषीय विश्लेषण

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पं. हेमन्त रिछारिया

चुनाव समाप्त होते ही हर वर्ग में उत्सुकता रहती कि आख़िर चुनाव का परिणाम क्या होने वाला है। इस यक्ष प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए राजनीतिक विश्लेषकगण, नेतागण एवं आम नागरिक तक मंथन करते नज़र आते हैं। इन परिस्थितियों में ज्योतिषियों की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण हो जाती है। क्योंकि अंतिम परिणाम आने तक ज्योतिषी को सर्वाधिक विश्वसनीय व प्रामाणिक विश्लेषणकर्ता माना जाता है।

किंतु आजकल चुनावी भविष्यवाणियां ज्योतिष शास्त्र के सिद्धांतों पर कम और एग्ज़िट पोल पर अधिक आधारित होती हैं इसलिए चुनावी भविष्यवाणियों में भी विरोधाभास देखा जाता है।

मैं एक ज्योतिषी होने के नाते चुनावी भविष्यवाणियों के लिए ज्योतिष के जिस सिद्धांत पर सर्वाधिक विश्वास करता हूं वह है- प्रश्नकुंडली, क्योंकि चुनावी भविष्यवाणी करने के लिए नेताओं की प्रामाणिक कुंडलियां अक्सर अविश्वसनीय और विरोधाभासी पाई जाती हैं। बहरहाल, प्रश्नकुंडली के माध्यम से हम जानेंगे कि पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में भाजपा की क्या स्थिति रहने वाली है-
 
- प्रश्नकुंडली धनु लग्न की है। लग्नेश गुरु व्यय भाव अर्थात् हानि स्थान में स्थित हैं। वहीं सत्ता का कारक शनि द्वितीयेश व तृतीयेश होकर लग्न में चंद्र के साथ स्थित है। जो "विषयोग" नामक अशुभ योग बना रहा है। दशमेश बुध जो कर्मक्षेत्र व राजसत्ता का तात्कालिक कारक है; वह भी व्यय भाव में स्थित है। दशम भाव अर्थात् कर्मक्षेत्र व राजसत्ता वाले भाव पर व्ययेश मंगल की दृष्टि है। वहीं दशमेश बुध पर राहु का दृष्टि प्रभाव है। लाभेश शुक्र स्वराशिस्थ होकर लाभ में स्थित है जो भाजपा को थोड़ी राहत देगा।
 
-उपर्युक्त ग्रह स्थितियों के कारण भाजपा को इन चुनावों सत्ता प्राप्ति के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। विपक्षी दल का द्योतक षष्ठेश के स्वराशिस्थ होकर लाभ में होने से विपक्ष से भाजपा को कड़ी चुनौती मिलेगी। दशमेश के व्यय भाव में स्थित होने एवं राहु के दृष्टि प्रभाव के कारण भाजपा को एक या दो राज्यों में सत्ता गंवानी पड़ेगी। प्रश्नकुंडली के चतुर्थेश गुरु का व्यय भाव में स्थित होना भाजपा के जनाधार को कम करेगा। वहीं राहु का चतुर्थ भाव पर दृष्टि प्रभाव भाजपा के प्रति जनआक्रोश को बढ़ावा देगा। पंचमेश मंगल जो जन सहयोग प्राप्ति का कारक है वह तीसरे भाव में स्थित होकर जनसहयोग में कमी का स्पष्ट संकेत दे रहा है। केतु का दशभ भाव पर दृष्टि प्रभाव अंतिम क्षण में आश्चर्यजनक परिवर्तन की ओर संकेत कर रहा है। 
 
विंशोत्तरी दशा बनेगी सहायक
 
-प्रश्नकुंडली के अनुसार वर्तमान में भाजपा पर लाभेश शुक्र की महादशा एवं दशमेश बुध की अंतर्दशा व शनि का प्रत्यंतर प्रभावी है। यह दशाक्रम भाजपा को कुछ राहत देता दिखाई देता है किंतु "विषयोग" कारक शनि के प्रत्यंतर के चलते यह राहत बहुत ही अल्प मात्रा में होगी।
 
निष्कर्ष- उपर्युक्त ग्रह स्थितियों का विश्लेषण करने के उपरांत इस निष्कर्ष पर सहज ही पहुंचा जा सकता है कि वर्तमान में हुए पांच राज्यों के चुनावों में तीन में से भाजपा को हानि होगी। उसका जनाधार घटेगा। भाजपा तीन में से एक या दो राज्यों में ही अपनी सरकार बचाने में बमुश्किल सफ़ल हो सकेगी। 
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र

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