श्राद्ध पक्ष में आने वाली अष्टमी को लक्ष्मी जी का वरदान प्राप्त है। जानिए पूजा विधि
श्राद्ध पक्ष में आने वाली अष्टमी को लक्ष्मी जी का वरदान प्राप्त है।
इस दिन सोना खरीदने का महत्व है।
मान्यता है कि इस दिन खरीदा सोना आठ गुना बढ़ता है।
शादी की खरीदारी के लिए भी यह दिन उपयुक्त माना गया है।
इस दिन हाथी पर सवार मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस व्रत को दिवाली से ज्यादा मान्यता दी जाती है।
जानिए पूजन की सरल विधि : Mahalaxmi Puja Vidhi
शाम के समय स्नान कर घर के देवालय में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
उस पर केसर मिले चन्दन से अष्टदल बनाकर उस पर चावल रख जल कलश रखें।
- कलश के पास हल्दी से कमल बनाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति प्रतिष्ठित करें।
मिट्टी का हाथी बाजार से लाकर या घर में बना कर उसे स्वर्णाभूषणों से सजाएं।
नया खरीदा सोना हाथी पर रखने से पूजा का विशेष लाभ मिलता है।
श्रद्धानुसार चांदी या सोने का हाथी भी ला सकते हैं।
चांदी के हाथी का कई गुना अधिक महत्व है। स्वर्ण हाथी से भी अधिक... अत: संभव हो तो चांदी का हाथी अवश्य खरीदें।
- माता लक्ष्मी की मूर्ति के सामने श्रीयंत्र भी रखें। कमल के फूल से पूजन करें।
- इसके अलावा सोने-चांदी के सिक्के, मिठाई, फल भी रखें।
- इसके बाद माता लक्ष्मी के आठ रूपों की इन मंत्रों के साथ कुंकुम, अक्षत और फूल चढ़ाते हुए पूजा करें।
महालक्ष्मी के 8 महाशुभ मंत्र-Mahalaxmi Mantra
महालक्ष्मी व्रत पर देवी लक्ष्मी के 8 मंत्र बोलना शुभ माना जाता है। मां लक्ष्मी देती हैं ऐश्वर्य, वैभव और सौभाग्य का वरदान...
- ॐ आद्यलक्ष्म्यै नम:
- ॐ विद्यालक्ष्म्यै नम:
- ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:
- ॐ अमृतलक्ष्म्यै नम:
- ॐ कामलक्ष्म्यै नम:
- ॐ सत्यलक्ष्म्यै नम:
- ॐ भोगलक्ष्म्यै नम:
- ॐ योगलक्ष्म्यै नम:
- इसके बाद धूप और घी के दीप से पूजा कर नैवेद्य या भोग लगाएं।
- महालक्ष्मी जी की आरती करें।