Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चमत्कारी है महामृत्युंजय मंत्र, लेकिन जरूरी हैं यह 16 सावधानियां, कब करें इस मंत्र का जाप...

हमें फॉलो करें चमत्कारी है महामृत्युंजय मंत्र, लेकिन जरूरी हैं यह 16 सावधानियां,  कब करें इस मंत्र का जाप...
महामृत्युंजय मंत्र जपने से अकाल मृत्यु तो टलती ही है, आरोग्यता की भी प्राप्ति होती है। स्नान करते समय शरीर पर लोटे से पानी डालते वक्त इस मंत्र का जप करने से स्वास्थ्य-लाभ होता है। 
 
दूध में निहारते हुए इस मंत्र का जप किया जाए और फिर वह दूध पी लिया जाए तो यौवन की सुरक्षा में भी सहायता मिलती है। साथ ही इस मंत्र का जप करने से बहुत सी बाधाएं दूर होती हैं, अतः इस मंत्र का यथासंभव जप करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र से शिव पर अभिषेक करने से जीवन में कभी सेहत की समस्या नहीं आती। निम्नलिखित स्थितियों में इस मंत्र का जाप कराया जाता है-
 
(1) ज्योतिष के अनुसार यदि जन्म, मास, गोचर और दशा, अंतर्दशा, स्थूलदशा आदि में ग्रहपीड़ा होने का योग है।
 
(2) किसी महारोग से कोई पीड़ित होने पर।
 
(3) जमीन-जायदाद के बंटवारे की संभावना हो।
 
(4) हैजा-प्लेग आदि महामारी से लोग मर रहे हों।
 
(5) राज्य या संपदा के जाने का अंदेशा हो।
 
(6) धन-हानि हो रही हो।
 
(7) मेलापक में नाड़ीदोष, षडाष्टक आदि आता हो।
 
(8) राजभय हो।
 
(9) मन धार्मिक कार्यों से विमुख हो गया हो।
 
(10) राष्ट्र का विभाजन हो गया हो।
 
(11) मनुष्यों में परस्पर घोर क्लेश हो रहा हो।
 
(12) त्रिदोषवश रोग हो रहे हों।
 
 विशेष फलदायी है महामृत्युंजय मंत्र लेकिन... 
webdunia
महामृत्युंजय मंत्र जप में जरूरी है सावधानियां  
 
महामृत्युंजय मंत्र का जप करना परम फलदायी है, लेकिन इस मंत्र के जप में कुछ सावधानियां रखना चाहिए जिससे कि इसका संपूर्ण लाभ प्राप्त हो सके और किसी भी प्रकार के अनिष्ट की संभावना न रहे। 
 
अतः जप से पूर्व निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-
 
1. जो भी मंत्र जपना हो उसका जप उच्चारण की शुद्धता से करें।
 
2. एक निश्चित संख्या में जप करें। पूर्व दिवस में जपे गए मंत्रों से, आगामी दिनों में कम मंत्रों का जप न करें। यदि चाहें तो अधिक जप सकते हैं।
 
3. मंत्र का उच्चारण होठों से बाहर नहीं आना चाहिए। यदि अभ्यास न हो तो धीमे स्वर में जप करें।
 
4. जप काल में धूप-दीप जलते रहना चाहिए।
 
5. रुद्राक्ष की माला पर ही जप करें।
 
6. माला को गौमुखी में रखें। जब तक जप की संख्या पूर्ण न हो, माला को गौमुखी से बाहर न निकालें।
 
7. जप काल में शिवजी की प्रतिमा, तस्वीर, शिवलिंग या महामृत्युंजय यंत्र पास में रखना अनिवार्य है।
 
8. महामृत्युंजय के सभी जप कुशा के आसन के ऊपर बैठकर करें।
 
9. जप काल में दुग्ध मिले जल से शिवजी का अभिषेक करते रहें या शिवलिंग पर चढ़ाते रहें।
 
10. महामृत्युंजय मंत्र के सभी प्रयोग पूर्व दिशा की तरफ मुख करके ही करें।
 
11. जिस स्थान पर जपादि का शुभारंभ हो, वहीं पर आगामी दिनों में भी जप करना चाहिए।
 
12. जपकाल में ध्यान पूरी तरह मंत्र में ही रहना चाहिए, मन को इधर-उधर न भटकाएं।
 
13. जपकाल में आलस्य व उबासी को न आने दें।
 
14. मिथ्या बातें न करें।
 
15. जपकाल में स्त्री सेवन न करें।
 
16. जपकाल में मांसाहार त्याग दें। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भोलेनाथ भगवान शंकर की भस्म से होते हैं कई रोग दूर, पढ़कर चौंक जाएंगे