मकर संक्रांति का क्या होगा देश और दुनिया पर असर?
इस बार सूर्य 14 जनवरी की रात्रि में मकर में प्रवेश करेगा इस मान से 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा। हर वर्ष की संक्रांति विशेष ग्रह-नक्षत्रों, आयुध एवं वाहनों से युक्त होती है। सभी का फल अलग-अलग माना गया है। कहते हैं कि इस बार संक्रंति का वाहन व्याघ्र, उपवाहन अश्व है। आयुध गदा है। वारमुख पश्चिम, करण मुख दक्षिण और दृष्टि ईशान है। वस्त्र पीला, आभूषण कङ्कण, कन्चुकी हरि, स्थिति बैठी हुई और वर्ण भूत है।
एक अन्य मान्ता के अनुसार इस बार की मकर संक्रांति का वाहन वाराह रहेगा जबकि उपवाहन वृषभ यानी बैल रहेगा। इस वर्ष संक्रांति का आगमन हरित वस्त्र व हरित कंचुकी, मुक्ताभूषण (मोती), बकुल पुष्प धारण किए वृद्धावस्था में चन्दन लेपन कर खड्ग आयुध (शस्त्र) लिए तामपात्र में भिक्षान्न भक्षण करते हुए पश्चिमाभिमुख उत्तर दिशा के ओर गमन करते हो रहा है।
उपरोक्त आमुख मान्यता के अनुसार जानिए मकर संक्रांति 2023 का फल:-
- दुनियाभर में दो राष्ट्रों के बीच संघर्ष बढ़ेगा।
- कुछ क्षेत्रों में बारिश के अभाव में सूखे की नौबत आ सकती है।
- इस बार ठंड बढ़ेगी और ज्यादा लोग संक्रमित होंगे।
- सरकार और सरकारी कर्मचारियों के प्रति लोगों को गुस्सा बढ़ेगा। इनके लिए यह संक्रांति शुभ नहीं मानी जा रही।
- महंगाई पर कंट्रोल होगा लेकिन लोगों में भय और चिंता का माहौल रहेगा।
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