Margshirsha Amavasya: मार्गशीर्ष माह भगवान श्री कृष्ण की उपासना का महीना माना गया है, क्योंकि कृष्ण जी कहते हैं कि सभी महीनों में मार्गशीर्ष 'मेरा ही स्वरूप' है। अत: अगहन या मार्गशीर्ष में पूर्ण श्रद्धा-भक्ति तथा कृष्ण जी के साथ-साथ भोलेनाथ और पीपल के वृक्ष की उपासना तथा पूजन करने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन के समस्त सुख मिलते हैं।
Highlights
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मार्गशीर्ष अमावस्या क्या है?
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अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए?
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अगहन अमावस के उपाय जानें।
खास कर मार्गशीर्ष महीने में नदी या तट पर स्नान करके दान-पुण्य देने का विशेष महत्व धार्मिक ग्रंथों में भी कहा गया है। लेकिन यदि आप पूर्ण महीने में यह नहीं कर सकते हैं तो मार्गशीर्ष/ अगहन मास की अमावस्या पर नदी स्नान तथा कुछ खास उपाय करके ग्रह दोष से छुटकारा पाने के साथ-साथ जीवन को समृद्धता से भी भर सकते हैं।
आइए यहां जानते हैं मार्गशीर्ष अमावस्या के 5 खास किंतु सरल उपाय :
1. पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अमावस्या पर दीपदान करें। इस दिन मिट्टी के दीये में सरसों के तेलयुक्त दीपक जलाकर दक्षिण दिशा में रख दें। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है। पितृ कृपा प्राप्त होती है।
2. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन माता तुलसी की पूजा तथा परिक्रमा करने तथा सुबह-सायंकाल दोनों समय घी का दीपक लगाने से घर में मां लक्ष्मी का आमगन तथा स्थायी वास होता है। साथ ही व्यापार में निरंतर धनवृद्धि होती है। और श्रीहरि की कृपा से बृहस्पति ग्रह दोष दूर होता है।
3. अमावस्या तिथि पर भोलेनाथ के पूजन का विशेष महत्व कहा गया है, अत: इस रात्रि को यदि आप शिवलिंग पर जल अर्पित करके उन्हें पुष्प, काले तिल और बेलपत्र अर्पित करते हैं तथा मंदिर में ही बैठकर 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करते हैं तो इस उपाय से चंद्र दोष दूर होने के साथ ही खुशहाली भरा जीवन प्राप्त होकर टेंशन से मुक्ति मिलती है।
4. अगहन अमावस्या के दिन प्रातः स्नान करके विधिवत भगवान श्रीहरि विष्णु एवं भोलेनाथ का पूजन करके पितरों का तर्पण करें और योग्य ब्राह्मण तथा असहायों को भोजन खिलाएं। इस उपाय से आपको भगवान की पूर्ण कृपा प्राप्त होगी तथा ग्रहों के परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।
5. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष पर जल में काले तिल मिलाकर अर्पित करके तिल के दीपक से आरती करें। इससे जहां ग्रह दोष दूर होगा, वहीं जीवन में आने वाले और चल रहे समस्त कष्टों से निजात मिलती हैं।