वैदिक ज्योतिष में मंगल राशि परिवर्तन को एक महत्वपूर्ण घटना माना गया है। मंगल को ग्रहों का सेनापति माना जाता है। मंगल ऊर्जा, साहस और पराक्रम का कारक है। मंगल ग्रह का जब किसी राशि पर गोचर होता है तो सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है।
22 अक्टूबर को मंगल ग्रह का कन्या राशि से तुला राशि में गोचर हो गया। मंगल 5 दिसंबर तक इसी राशि में रहेंगे। इसके पहले चंद्रमा अपने शत्रु बुध की राशि कन्या में विराजमान थे, जबकि तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं। शुक्र और चंद्रमा के बीच मैत्री पूर्ण संबंध माने जाते हैं।
तुला राशि प्रेम, रिश्ते और विवाह का प्रतीक है। यह खुशियां, बैलेंस, प्यार को दर्शाती है। तुला राशि में मंगल के आने के बाद इस राशि के जातकों की लव लाइफ पर प्रभाव पड़ेगा। इस दौरान अपनों या जीवनसाथी के साथ अनबन की स्थिति बन सकती है।
इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव-
मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला और धनु राशियों के लिए यह गोचर विशेष रूप से अनुकूल है। मंगल ग्रह के प्रभाव से आप ऊर्जावान रहेंगे। जीवन साथी के साथ रिश्ते मजबूत होंगे। कार्यस्थल पर कार्यस्थल पर बॉस खुश रहेंगे।
वृष, वृश्चिक और मीन राशि वालों को रिश्तों में सावधान रहने की जरूरत है। मंगल का तुला राशि में गोचर इन राशियों के लिए मंगल की विनाशकारी ऊर्जा को एक्टिव करता है। जिससे रिश्तों में अलगाव की स्थिति बन सकती है। कन्या राशि वालों को इस दौरान वाद-विवाद से दूर रहने और शब्दों को ध्यान से चुनने की सलाह दी जाती है।
मकर राशि के जातकों के अटके काम बनेंगे और नए कार्यों का अनुभव होगा।
कुंभ राशि के जातक यात्रा की प्लानिंग कर सकते हैं। भाई-बहनों के साथ रिश्ते मधुर होंगे।