Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मानसून का गर्भकाल है नौतपा, आंधी और प्राकृतिक आपदा के बन रहे हैं योग

Advertiesment
हमें फॉलो करें मानसून का गर्भकाल है नौतपा, आंधी और प्राकृतिक आपदा के बन रहे हैं योग
सूर्य जब चंद्र के रोहणी नक्षत्र में जाता है, तो सूर्य की तपन कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। कहते है यदि रोहिणी नौतपा व रोहिणी नक्षत्र के कम से कम 9 दिन के अन्तराल में बारिश ना हो तो वर्षा उस वर्ष अधिक होती है।
 
सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण मानसून गर्भ में आ जाता है और नौतपा ही मानसून का गर्भकाल माना जाता है। जिस समय में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है उस समय चन्द्र नौ नक्षत्रों में भ्रमण करते हैं, यही कारण है कि इसे नौतपा कहा जाता है।
 
जब सूर्य वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र में भ्रमण करते हैं, तब गर्मी तेज होती है चन्द्र की पत्नी माने जाने वाले रोहिणी नक्षत्र में गरम आंधियां ज्यादा प्रभाव दिखाती हैं।
 
इस वर्ष नौतपा या नवतपा अर्थात रोहिणी नक्षत्र का प्रभाव 25 मई को शुरू हो चुका है। नौतपा कभी नौ दिनों का तो कभी ग्यारह दिनों का होता है।
 
ऐसा माना जाता है कि यदि रोहिणी नक्षत्र में बारिश हो जाती है तो आने वाले बारिश के मौसम में वर्षा बहुत कम होती है। नौतपा के दिनों में शादी-विवाह जैसे मांगलिक यात्रा में विशेष सावधानी रखना चाहिए। ग्रहों की स्थिति को देखते हुए देश के पूर्व, पश्चिम व दक्षिण में प्राकृतिक आपदा के योग बन रहे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नौतपा 2019 : नौतपा की तपिश जरूरी है अच्छी बारिश के लिए, अभी आसमान से बरसने वाली है आग