Nautapa 2022: प्रतिवर्ष ग्रीष्म ऋतु में नौतपा प्रारंभ होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह ज्येष्ठ माह में तब प्रारंभ होता है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में भ्रमण करने लगता है। आओ जानते हैं कि नौतपा कब से प्रारंभ होगा और क्या इन 9 दिनों की 9 विशेष बातें।
कब से प्रारंभ होगा नौतपा : सूर्य 15 दिन के लिए जब रोहिणी नक्षत्र में गोचर करेगा तब नौतपा प्रारंभ होगा। प्रारंभ के 9 दिनों को नौतपा कहते हैं। सूर्य 25 मई बुधवार को 8 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा जहां वह 8 जून की सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इस बार सूर्य रोहिणी में 14 दिन तक ही रहेगा।
9 विशेष दिनों की 9 खास बातें- 9 special things of 9 special days:
1. नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर प्रभाव डालती है। इससे प्रचंड गर्मी होती है जिसकसे मानसून बनता है। यदि इन नौ दिनों के दौरान ही बारिश होने लगे तो इसे नौपता का गलना माना जाता है। यदि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है, क्योंकि इस दौरान समुद्र के जल का तेजी से वाष्पीकरण होता है जिसके चलते घने बादल बनते हैं।
2. ज्योतिषियों का मानाना है कि इस बार शुरुआती 6 दिनों में गर्मी के साथ ही उमस भी बहुत रहेगी। नौ दिन में से अंतिम 3 दिन हवाएं खूब तेज चलेगी। कहीं-कहीं मध्यम बारिश की संभावना है तो कहीं बौछारें भी हो सकती है। बाढ़ और तूफान का अंदेशा भी है।
3. नौतपा के दौरान किसी भी स्थिति में बगैर कुछ खाए पिए घर से न निकलें। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। जिससे पसीना आकर शरीर का तापमान नियमित निर्धारित हो सके तथा शरीर में जल की कमी न हो।
4. नौतपा में खुले शरीर बाहर न निकलें, टोपी पहने, कानों को ढंककर रखें और आंखों पर धूप का चश्मा जरूर लगाएं।
5. प्रतिदिन प्याज खाएं और साथ में भी रखें। अधिक गर्मी में मौसमी फल, फलों का रस, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी, आम का पना पिएं या आम की चटनी खाएं। हल्का व शीघ्र पचने वाला भोजन करें। तली हुई या मसालेदार चीज़ों से दूर रहें, यह आपका पेट खराब कर सकती हैं।
6. नरम, मुलायम, सूती कपड़े पहनें जिससे हवा और कपड़े शरीर के पसीने को सोखते रहे।
7. इन सबके अलावा समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार ग्लुकोज का सेवन करते रहें और अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल अनावश्यक न करें।
8. लू लगने के क्या लक्षण होते हैं यह पहले से ही जान लें। लू लगने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
9. एसी से निकलते ही एकदम धूप या गर्मी में न जाएं या तेज गर्मी से एकदम एसी में न जाएं।