* गुड़ी पड़वा, चेटीचंड, गणगौर, राम नवमी होंगे चैत्र शुक्ल पक्ष के महत्वपूर्ण त्योहार
'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए 'पाक्षिक-पंचांग' श्रंखला में प्रस्तुत है चैत्र शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग-
'पाक्षिक-पंचांग': चैत्र शुक्ल पक्ष
संवत्सर- परिधावी
संवत्- 2076 शक संवत् :1941
माह-चैत्र
पक्ष- शुक्ल पक्ष (6 अप्रैल से 19 अप्रैल तक)
ऋतु: वसंत
रवि: उत्तरायणे
गुरु तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप
सर्वार्थ सिद्धि योग- 7 अप्रैल, 9 अप्रैल, 10 अप्रैल, 12 अप्रैल, 17 अप्रैल
अमृतसिद्धि योग- अनुपस्थित
द्विपुष्कर योग- अनुपस्थित
त्रिपुष्कर योग- अनुपस्थित
रविपुष्य योग- 14 अप्रैल
गुरुपुष्य योग- अनुपस्थित
एकादशी- 16 अप्रैल (कामदा एकादशी व्रत)
प्रदोष- 17 अप्रैल (भौम प्रदोष)
भद्रा- 8 अप्रैल (उदय)- 9 अप्रैल (अस्त), 12 अप्रैल (उदय-अस्त), 15 अप्रैल (उदय-अस्त), 18 अप्रैल (उदय-अस्त)
पंचक: 6 अप्रैल को समाप्त
मूल- 13 अप्रैल से प्रारंभ- 15 अप्रैल को समाप्त
पूर्णिमा- 19 अप्रैल
ग्रहाचार: सूर्य- मीन (14 अप्रैल से मेष राशि में), चंद्र- (सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-वृष, बुध-मीन, गुरु-धनु, शुक्र-कुंभ (16 अप्रैल से मीन राशि में), शनि-धनु, राहु-मिथुन, केतु- धनु
व्रत/त्योहार: 6 अप्रैल- नवरात्रि प्रारंभ, गुड़ी पड़वा, चेटीचंड, झूलेलाल जयंती, 8 अप्रैल- गणगौर पूजा, 13 अप्रैल- श्री राम नवमी, 17 अप्रैल- महावीर जयंती, 19 अप्रैल- श्री हनुमान जयंती, संत पीपा जयंती
(विशेष- उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)
- ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र