'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए 'पाक्षिक पंचांग' श्रंखला में प्रस्तुत है भाद्रपद शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग-
पाक्षिक पंचांग- भाद्रपद शुक्ल पक्ष
संवत्सर- परिधावी
संवत्- 2076, शक संवत्- 1941
माह- भाद्रपद
पक्ष- शुक्ल पक्ष (31 अगस्त से 14 सितंबर तक)
ऋतु- शरद
रवि- दक्षिणायणे
गुरु तारा- उदितस्वरूप
शुक्र तारा- अस्तस्वरूप
सर्वार्थ सिद्धि योग- 1 सितंबर, 4 सितंबर, 5 सितंबर, 8 सितंबर
अमृतसिद्धि योग- 1 सितंबर, 4 सितंबर
द्विपुष्कर योग- अनुपस्थित
त्रिपुष्कर योग- अनुपस्थित
रविपुष्य योग- अनुपस्थित
गुरुपुष्य योग- अनुपस्थित
एकादशी- 9 सितंबर (पद्मा एकादशी व्रत)
प्रदोष- 11 सितंबर
भद्रा- 2 सितंबर (उदय-अस्त), 5 सितंबर (उदय)- 6 सितंबर (अस्त), 9 सितंबर (उदय-अस्त), 13 सितंबर (उदय-अस्त)
पंचक- 11 सितंबर से प्रारंभ
मूल- 6 सितंबर से प्रारंभ-8 सितंबर को समाप्त
पूर्णिमा- 14 सितंबर
ग्रहाचार- सूर्य- सिंह, चंद्र- (सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल- सिंह, बुध- सिंह (10 सितंबर से कन्या राशि में), गुरु- वृश्चिक, शुक्र- कर्क, शनि- धनु, राहु- मिथुन, केतु- धनु
व्रत/त्योहार- 2 सितंबर- गणेश चतुर्थी (गणेश स्थापना)/ हरितालिका तीज व्रत, 3 सितंबर- ऋषि पंचमी व्रत,
4 सितंबर- बलदेव षष्ठी/श्रीमहालक्ष्मी व्रत प्रा., 5 सितंबर- संतान सप्तमी/शिक्षक दिवस, 6 सितंबर- श्रीराधा अष्टमी, 9 सितंबर- फूलडोल पर्व (डोल ग्यारस), 13 सितंबर- महालय (श्राद्ध पक्ष प्रारंभ)
(निवेदन- उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र