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पौषी अमावस्या कब है जानिए मुहूर्त और उपाय

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धार्मिक शास्त्रों के अनुसार हर महीने की कृष्ण पक्ष की पंद्रहवी तिथि पर अमावस्या (Amavasya) पड़ती है। यह अमावस्या पितरों को मोक्ष दिलाने वाली मानी गई है। अमावस्या तिथि पर नदी स्नान, जप, तप, पूजन, अर्घ्य तथा दान देने का विधान है। नववर्ष 2022 में पहली अमावस्या यानी पौषी अमावस्या दिन रविवार, 2 जनवरी को पड़ रही है। Amavasya 2022 Date And Timing 
 
हिंदू धर्म पौष मास (Paush Maas) का बहुत महत्व माना गया है, इस माह में सूर्यदेवता का पूजन विशेष तौर किया जाता है। पौष मास में रविवार को आने वाली यह अमावस्या बहुत फलदायी होती है।  
 
पौषी अमावस्या के विशेष मुहूर्त- Paush Amavasya 2022 Muhurat 
 
पौष अमावस्या रविवार 2 जनवरी, 2022 को। 
इस बार अमावस्या तिथि का प्रारंभ रविवार, 2 जनवरी को देर रात्रि 3.43 मिनट से शुरू होगा तथा सोमवार, 3 जनवरी 2022 को सुबह 5.26 मिनट पर अमावस्या समाप्त होगी।
 
वहीं पौष मास की दूसरी अमावस्या 23 दिसंबर, 2022 को मनाई जाएगी। 
22 दिसंबर को अमावस्या 19.15 मिनट से आरंभ होकर 23 दिसंबर, 2022 को 15.48 मिनट पर अमावस्या समाप्त होगी।
 
पौष अमावस्या पर करें ये 10 उपाय-Paush Amavasya ke Upay 
 
- ज्यो व्यक्ति अमावस्या के दिन पवित्र नदियों, सरोवर तट पर स्नान करके पूजन करते हैं, उन्हें अमोघ फल की प्राप्ति होती है। 
 
- अमावस्या के दिन दान करने का बहुत महत्व माना गया है, इससे पितरों को मोक्ष मिलता है। अत: इस दिन गरीब तथा असहाय लोगों को दान करना ना भूलें। 
 
- मान्यतानुसार पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को पौष मास की अमावस्या पर पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत रख कर दान-पुण्य कारना चाहिए।
 
- इस दिन नदी स्नान के बाद तिल तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। 
 
- स्नान के बाद तांबे के पात्र में जल लेकर लाल पुष्प, लाल चंदन डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य देना बहुत ही उत्तम माना जाता है।
 
- पौष अमावस्या के दिन गरीब या असहाय लोगों को भोजन कराने से भाग्य खुलता है।
 
- अमावस्या के दिन धार्मिक कार्य, पूजन-पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। 
 
- अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण एवं श्राद्ध करने का विशेष महत्व है। 
 
- अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष का पूजन तथा तुलसी के पौधे की परिक्रमा करने से श्री विष्णु प्रसन्न होते हैं। 
 
- इसके अलावा अमावस्या के दिन पितृ दोष तथा कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए उपाय एवं व्रत-उपवास किए जाते हैं।

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