Pradosh vrat 2023: प्रदोष व्रत को हम त्रयोदशी व्रत के नाम से भी जानते हैं। श्रावण मास का तीसरा और अधिक मास का दूसरा प्रदोष का व्रत 13 अगस्त 2023 रविवार के दिन रखा जाएगा। प्रदोष का व्रत रखने के कुछ नियम भी है और यदि इस दिन मात्र एक उपाय ही कर लिया तो जीवन में सुख और शांति मिलना तय है। आओ जानते हैं प्रदोष व्रत के बारे में विशेष जानकारी।
प्रदोष व्रत के नियम:-
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प्रदोष काल में उपवास में सिर्फ हरे मूंग का सेवन करना चाहिए, क्योंकि हरा मूंग पृथ्वी तत्व है और मंदाग्नि को शांत रखता है।
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प्रदोष व्रत में लाल मिर्च, अन्न, चावल और सादा नमक नहीं खाना चाहिए। हालांकि आप पूर्ण उपवास या फलाहार भी कर सकते हैं।
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व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले उठें। नित्यकर्म से निपटने के बाद सफेद रंग के कपड़े पहनें।
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पूजा घर को साफ और शुद्ध करें। गाय के गोबर से लीप कर मंडप तैयार करें।
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इस मंडप के नीचे 5 अलग अलग रंगों का प्रयोग कर के रंगोली बनाएं।
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फिर उतर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे और शिव जी की पूजा करें।
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पूरे दिन किसी भी प्रकार का अन्न ग्रहण न करें।
रवि प्रदोष के उपाय:-
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रवि प्रदोष व्रत की संध्याकाल में दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
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कहते हैं ये उपाय व्यक्ति के वंश वृद्धि और सुखी दांपत्य जीवन के लिए कारगर साबित होता है।
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घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए रवि प्रदोष व्रत वाले दिन जौ का आटा भगवान शंकर के चरणों में स्पर्श कराएं और फिर उसकी रोटियां बना लें।
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इसे गाय के बछड़े या बैल को खिलाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होगा।
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धन लक्ष्मी प्रसन्न होंगी और अर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
रवि प्रदोष व्रत के लाभ:-
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जो प्रदोष रविवार के दिन पड़ता है उसे भानु प्रदोष या रवि प्रदोष कहते हैं।
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इस दिन नियम पूर्वक व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और लंबी आयु प्राप्त होती है।
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रवि प्रदोष का संबंध सीधा सूर्य से होता है।
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अतः: चंद्रमा के साथ सूर्य भी आपके जीवन में सक्रिय रहता है।
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यह सूर्य से संबंधित होने के कारण नाम, यश और सम्मान भी दिलाता है।
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अगर आपकी कुंडली में अपयश के योग हो तो यह प्रदोष करें।
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रवि प्रदोष रखने से सूर्य संबंधी सभी परेशानियां दूर हो जाती है।
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पुराणों के अनुसार प्रदोष के व्रत को करने से बेहतर स्वास्थ्य और लम्बी आयु की प्राप्ति होती है।