Indo Pak war Details: 29 मार्च 2025 शनिवार के दिन सूर्य ग्रहण के दौरान शनि ने मीन राशि में प्रवेश किया था। मीन राशि में पहले से ही विराजमान राहु के साथ उसकी युति बनी जिसे पिशाच योग कहा गया। यह योग 18 मई तक बना रहा। इसी योग में 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ। इसी दौरान 18 मई से 7 जून तक मंगल और राहु का षडाष्टक योग था। इस दौरान भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमला किया और 9 आतंकावदी ठिकाने सहित कई अन्य ठिकाने भी नष्ट कर दिए। फिर 10 मई को सीजफायर हो गया।
इस बीच 15 मार्च से 11 जून तक खप्पर योग भी चल रहा था। इसी बीच शनि और मंगल का षडाष्टक 28 जुलाई तक था। मंगल और केतु की युति से कुंजकेती का योग भी बना हुआ था। उपरोक्त योग के चलते जहां भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, वहीं इजराइल और ईरान के बीच भीषण युद्ध हुआ। इसी के साथ ही कई भूकंप आए और प्राकृतिक आपदा सहित विमान हादसों ने भी हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दिया।
वर्तमान में भी बना हुआ है अमंगलकारी योग:
1. खप्पर योग: वर्तमान में भी इसी तरह के योग बने हुए हैं। 11 जुलाई से 7 अक्टूबर तक खप्पर योग रहेगा।
2. शनि मंगल का समसप्तक योग: मंगल के कन्या राशि में जाने के बाद वर्तमान में शनि मंगल का समसप्तक योग बना है जो 13 सितंबर तक रहेगा। शनि और मंगल की आमने सामने की स्थिति युद्ध, भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट को जन्म देती है। 13 सितंबर के बाद शनि और मंगल का षडाष्टक योग बनेगा जो ज्यादा घातक होगा।
3. राहु मंगल का षठाष्टक योग: इसी तरह वर्तमान में राहु और मंगल का षठाष्टक योग भी बना हुआ है जो युद्ध जैसी स्थिति को जन्म देता है। यह योग भी 13 सितंबर तक बना रहेगा।
4. ग्रहण : 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण रहेगा और 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण रहेगा। यह ग्रहण योग भी युद्ध, भूकंप और तूफान को जन्म देंगे।
4. बृहस्पति का अतिचारी गोचर: बृहस्पति का मिथुन राशि में अतिचारी गोचर चल रहा है जो 8 वर्षों तक रहेगा। मिथुन राशि में बृहस्पति 18 अक्टूबर 2025 तक रहेंगे और इसके बाद तेज गति से कर्क राशि में चले जाएंगे। कर्क में बृहस्पति नीच के हो जाते हैं। नीच के होकर बुरा फल देंगे। ऐसी आशंका है कि तब भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से उकसावे की कार्रवाई के बाद तनाव उत्पन्न हो सकता है। 11 नवंबर 2025 को गुरु ग्रह वक्री हो जाएंगे और 5 दिसंबर 2025 को पुनः मिथुन राशि में वापस लौट आएंगे। इसके बाद, गुरु 2 जून 2026 तक मिथुन राशि में रहने वाले हैं। इस तरह मार्गी और वक्री का उनका गोचर चलता रहेगा। 2 जून 2026 मंगलवार को मध्यरात्रि 02:25 पर जब बृहस्पति कर्क राशि में गोचर करेंगे तो फिर से भारत पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर होगा।
युद्ध की नई तारीख: वर्ष 2025 में 7 सितंबर, 21 सितंबर, 18 अक्टूबर, 5 दिसंबर और इसके बाद 2 जून 2026 की तारीख को कुछ बड़ा होने की संभावना है।
शनि का दंड: शनि का काम है बुरे कर्म का दंड देना। पाकिस्तान के बुरे कर्मों और पाप का घड़ा भरा चुका है। शनि ग्रह जब खुद की राशि, नीच राशि या उच्च राशि में प्रवेश करते हैं तब वे देश और दुनिया में बड़ा बदलाव लाते हैं कर्म के आधार पर वे दंड देते या पुरस्कार देते हैं। शनि ग्रह ने जब 24 जनवरी 2020 में खुद की राशि मकर राशि में प्रवेश किया था, तब दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप फैल गया था। फिर शनि ने जब 29 अप्रैल 2022 को खुद की मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश किया तब महामारी का दौर खत्म हुआ और दुनियाभर में युद्ध, अराजकता, महंगाई, प्रदर्शन और सत्ता परिवर्तन का नया दौर प्रारंभ हुआ। शनि बृहस्पति की राशि मीन में 29 मार्च 2025 को जाने वाला था उससे पहले ही यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि देश और दुनिया में भूकंप और युद्ध का नया दौर चलेगा और खासकर भारत के लिए वर्ष 2025 खराब रहने की आशंका व्यक्त की जा रही थी। शनि के मीन राशि में जाने का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है।
शनि का मेष में गोचर: ज्योतिषियों का आकलन है कि जब शनि अपनी शत्रु राशि मेष में प्रवेश करेगा तब दुनिया के हालात और भी बुरे हो जाएंगे। शनि देव 3 जून, 2027 को मेष राशि में प्रवेश करेंगे। 3 जून 2027 ऐसा समय है जबकि की भारत की राजनीति में बड़े बदलाव होंगे। इसी के साथ ही महायुद्ध का बिगुल बज जाएगा। मई 2027 से लेकर जुलाई 2028 तक गुरु की चतुर्थ भाव में गति के चलते भारत की सीमाओं में बड़े पैमाने पर बदलाव होंगे और पाकिस्तान नाम का देश धरती पर कहीं भी नजर नहीं आएगा।