Goga Navami significance : गोगा नवमी का पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गोगा देव, जिन्हें सांपों के देवता के रूप में पूजा जाता है, की आराधना की जाती है। कैलेंडर के मतांतर के चलते इस साल, गोगा नवमी 16 और 17 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। यहां गोगा नवमी पूजा पर 17 अगस्त, रविवार के शुभ मुहूर्त प्रस्तुत किए जा रहे हैं...
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गोगा नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त:
भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष, नवमी का आरंभ: शनिवार,16 अगस्त को रात 09:34 बजे से,
समापन: 17 अगस्त 2025, रविवार को शाम 07:24 मिनट पर।
उदया तिथि के अनुसार, 2025 में गोगा नवमी का पर्व 17 अगस्त, रविवार को मनाया जाएगा। यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है।
गोगा नवमी का महत्व और पूजा विधि: गोगा नवमी का पर्व उत्तर भारत, खासकर राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन गोगा जी की पूजा करने से सर्पदंश का भय दूर होता है और संतान सुख की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन गोगा जी की पूजा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
पूजा विधि:
1. व्रत और स्वच्छता: गोगा नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. मूर्ति स्थापना: पूजा स्थल पर गोगा जी की मिट्टी से बनी मूर्ति स्थापित करें।
3. पूजा सामग्री: गोगा जी को हल्दी, रोली, चावल, धूप, दीप, पुष्प, वस्त्र और मिष्ठान अर्पित करें।
4. भोग: इस दिन खीर, चूरमा और गुलगुले का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
5. घोड़े को दाल: पूजा के बाद गोगा जी के वाहन, घोड़े को मसूर की दाल खिलाने की परंपरा है।
6. कथा और आरती: पूजा के अंत में गोगा जी की कथा का पाठ करें और आरती उतारें।
7. प्रसाद वितरण: भोग और प्रसाद को सभी में वितरित करें।
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