Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सूर्य सिंह संक्रांति कब है, क्या है इसका महत्व, कर लें 5 अचूक उपाय

Advertiesment
हमें फॉलो करें When is Surya Singh Sankranti

WD Feature Desk

, शनिवार, 9 अगस्त 2025 (16:55 IST)
Singh sankranti 2025 : सूर्य के सिंह राशि में प्रवेश करने को सिंह संक्रांति कहते हैं। 17 अगस्त 2025 रविवार के दिन सूर्यदेव सिंह राशि में परिवर्तन करेंगे। इस दिन का कुछ प्रांतों में बहुत महत्व माना जाता है क्योंकि यह सूर्य की स्वयं की राशि है। सूर्य के इस राशि में जाने से लोग खांसी और ठण्ड से पीड़ित होंगे दो राष्ट्रों के बीच संघर्ष होगा। एक ओर बाढ़ तो दूसरी ओर सूखे के कारण अकाल की संभावना बनेगी।
 
सिंह संक्रांति पुण्य काल- प्रात: 05:51 से दोपहर 12:25 तक।
सिंह संक्रांति महा पुण्य काल- प्रात: 05:51 से सुबह 08:03 तक।
 
17 अगस्त 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:24 से 05:08 तक।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 से दोपहर 12:51 के बीच।
गोधूलि मुहूर्त : शाम को 06:58 से 07:20 तक।
 
सिंह संक्रांति का महत्व :
  1. भाद्रपद (भादो) माह की सिंह संक्रांति को उत्तराखंड में घी संक्रांति या ओल्गी संक्रांति कहते हैं।
  2. घी संक्रांति या घिया संक्रांद या घी-त्यार भी कहते हैं।
  3. गढ़वाल में घिया संक्रांद और कुमांऊ में घी-त्यार कहते हैं।
  4. वस्तुतः यह कृषि और पशुपालन से जुड़ा हुआ एक लोकपर्व है।
  5. इस दिन दाल की भरवां रोटियों के साथ घी का सेवन किया जाता है। इस रोटी को बेडु की रोटी कहा जाता है।
  6. चरक संहिता में कहा गया है कि घी- स्मरण शक्ति, बुद्धि, ऊर्जा, बलवीर्य, ओज बढ़ाता है। 
  7. घी वसावर्धक है। यह वात, पित्त, बुखार और विषैले पदार्थों का नाशक है। 
  8. सिंह संक्रांति के दिन कई तरह के पकवान बनाकर खाते हैं जिसमें दाल की भरवां रोटियां, खीर और गुंडला या गाबा प्रमुख हैं।
 
सिंह संक्रांति के 5 शुभ उपाय:-
1. सूर्यदेव को दें अर्घ्य और करें दान: कुंडली में सूर्यदोष है, तो उसे सूर्यदेव से जुड़ी वस्तुओं का खासकर दान करना चाहिए। जैसे कि तांबा, गुड़ आदि। इस दिन सूर्य मंत्र के साथ सूर्यदेव की विशेष पूजा जरूर करना चाहिए। 
 
2. घी का उपयोग: पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है जो इस दिन घी नहीं खाएगा उसे अगले जन्म में घोंघे के रूप में जन्म लेना होगा। यही कारण है कि नवजात बच्चों के सिर और पांव के तलुवों में घी लगाकर जीभ पर भी थोड़ा सा घी रखा जाता है।
 
3. श्रीहरि विष्णु की करें पूजा: इस पावन पर्व के दिन भगवान विष्णु का पूजन होता है तथा श्री हरि के अन्य स्वरुप भगवान नरसिम्हा की पूजा का भी विशेष विधान बताया गया है।
 
4. लाल वस्तुओं का करें दान: सिंह संक्रांति वाले दिन स्नान और पूजा के बाद अपनी क्षमता के अनुसार लाल वस्तुओं का करें दान। लाल वस्त्र, तांबे का बर्तन, लाल चंदन या लाल रंग के रूमाल का दान करने से सूर्य देव मजबूत होंगे तो नौकरी में तरक्की के योग बनेंगे।
 
5. नदी में आटे की दीपकों का प्रवाहित करें: शुभ मुहूर्त में नदी में आटे के दीपक प्रवाहित करने से सभी तरह के संकटों के साथ ही कर्ज से भी मुक्ति मिलती है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कई मंगलकारी योग में मनाई जाएगी कजरी तीज, जानें रीति रिवाज, व्रत की तिथि, पूजा और पारण समय