आइए यहां जानते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व तथा इस संबंध में आज की पीढ़ी की भूमिका क्या हैं?
स्वतंत्रता दिवस, यानी 15 अगस्त, हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का दिन है। यह दिन हमें उन अनगिनत बलिदानों और संघर्षों की याद दिलाता है, जिनके बाद हमें आजादी मिली। यह पर्व केवल एक छुट्टी नहीं, बल्कि अपने देश के इतिहास, महत्व और भविष्य की जिम्मेदारी को समझने का दिन है।
Independence Day history: स्वतंत्रता दिवस का इतिहास: भारत को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों की 200 साल की गुलामी से आजादी मिली थी। इस आजादी के पीछे कई दशकों का लंबा संघर्ष और कई आंदोलनों का बलिदान छिपा है। 1857 की क्रांति से लेकर महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह और 'भारत छोड़ो आंदोलन' जैसे प्रमुख आंदोलनों ने स्वतंत्रता की नींव रखी। भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, रानी लक्ष्मीबाई जैसे क्रांतिकारियों ने जहां सीधी लड़ाई लड़ी, वहीं महात्मा गांधी ने अहिंसा और सत्याग्रह का रास्ता अपनाया।
कई दशकों के इस संघर्ष और लाखों देशभक्तों के बलिदान के बाद अंततः अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा। लॉर्ड माउंटबेटन, जो उस समय वायसराय थे, ने 15 अगस्त की तारीख को आजादी के लिए चुना था, क्योंकि इसी दिन द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने आत्मसमर्पण किया था।
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महत्व-स्वतंत्रता दिवस का महत्व कई मायनों में गहरा है:Significance of 15 August
• शहीदों को श्रद्धांजलि: यह दिन उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने और श्रद्धांजलि देने का अवसर है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना देश की आजादी के लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया।
• राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक: 15 अगस्त को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा फहराया था। यह परंपरा आज भी जारी है, जो हमें हमारे संप्रभुता और राष्ट्रीय गौरव का एहसास कराती है।
• लोकतंत्र की स्थापना: यह दिन हमें हमारे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की याद दिलाता है, जो हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देते हैं।
जानें देशप्रेम के प्रति आज की पीढ़ी की भूमिका: Role of todays generation on Independence Day
आज की पीढ़ी के लिए स्वतंत्रता का मतलब अंग्रेजों से लड़ना नहीं, बल्कि एक नए तरह की जिम्मेदारी निभाना है।
• ज्ञान और शिक्षा को हथियार बनाना: आज की पीढ़ी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी शिक्षा के महत्व को समझना है। शिक्षित और जागरूक नागरिक ही एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
• भ्रष्टाचार और सामाजिक बुराइयों से लड़ना: हमें अपने देश को भ्रष्टाचार, गरीबी, अशिक्षा और जातिगत भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों से मुक्त करने का संकल्प लेना चाहिए।
• तकनीक का सही उपयोग: आज के युवाओं को तकनीक का उपयोग केवल मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि देश की प्रगति, नवाचार और विकास के लिए करना चाहिए।
स्वतंत्रता दिवस सिर्फ एक जश्न नहीं है, बल्कि एक मौका है यह सोचने का कि हम अपने देश के लिए क्या कर सकते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि आजादी एक अनमोल विरासत है, जिसकी रक्षा करना और उसे और भी बेहतर बनाना हमारी जिम्मेदारी है। 'स्वतंत्रता दिवस या 15 अगस्त' केवल एक तिथि नहीं, बल्कि भारत के आत्मसम्मान, संघर्ष, बलिदान और पुनर्निर्माण यानी भारत के युवाओं के माध्यम देशप्रेम के प्रति सजग होकर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहने का समय है।
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