Nostradamus And Achyutananda Das
पश्चिम में नास्त्रेदमस तो पूर्व में संत अच्युतानंद दास को सबसे बड़ा भविष्यवक्ता माना जाता है। अच्युतानंद दास का जन्म 10 जनवरी 1510 को ओड़ीसा के जगन्नाथ पुरी में हुआ था और उनका निधन 1631 में हुआ था। नास्त्रेदमस के जन्म 14 दिसंबर 1503 को फ्रांस के एक कस्बे में हुआ था और उनका निधन 2 जुलाई 1566 को हुआ था। आओ जानते हैं कि दोनों की भविष्यवाणी में क्या है समानता।
1. अंतरिक्ष से गिरेगा विशालकाय उल्कापिंड :
नास्त्रेदमस : 'एक मील व्यास का एक गोलाकार पर्वत अंतरिक्ष से गिरेगा और महान देशों को समुद्री पानी में डुबो देगा। यह घटना तब होगी, जब शांति को हटाकर युद्ध, महामारी और बाढ़ का दबदबा होगा। इस उल्का द्वारा कई प्राचीन अस्तित्व वाले महान राष्ट्र डूब जाएंगे।' (I-69) तबाही के बाद शांति होगी। इस शांति से पहले पूरी दुनिया में 72 घंटे का अंधेरा छा जाएगा। पहाड़ों पर बर्फ गिरेगी और कई देशों के युद्ध शुरू होते ही खत्म हो जाएंगे। ऐसा एक प्राकृतिक घटना के कारण होगा।
अच्युतानंद दास : आसमान में दो सूर्य निकलने का आभास होगा। यह आसमानी पिंड होगा, जो बंगाल की खाड़ी में गिरेगा और ओडिशा जलमग्न हो जाएगा। समुद्र का जलस्तर बढ़ जाएगा और जगन्नाथ मंदिर की 22वीं सीढी तक पानी आ जाएगा। तब भगवान के विग्रह को उनके भक्त छातियाबटा ले जाएंगे। धरती पर हो रहीं प्राकृतिक आपदाओं के कारण धरती पर 7 दिनों तक अंधेरा रहेगा। एक ओर प्राकृतिक आपदाएं होंगी तो दूसरी ओर होगा महायुद्ध। तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर हो जाएगी। अमेरिका का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा।
2. भारत में होगा महान राजनेता का जन्म :
नास्त्रेदमस : 'पांच नदियों के प्रख्यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा। इस राजनेता का नाम 'वरण' या 'शरण' होगा। वह एक शत्रु के उन्माद को हवा के जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में छ: लोग मारे जाएंगे।' (सेंचुरी v-27) 'तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रशंसा और प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा।' (सेंचुरी 1-50वां सूत्र)
अच्युतानंद दास : भारत का आखिरी राजा एक शक्तिशाली हिन्दू राजा होगा, जो योगी पुरुष होगा और जिसकी कोई संतान नहीं होगी। उसमें विश्व का नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता होगी और वह धर्म के सहारे शांति स्थापित कर पाएगा। स वक्त ओडिशा का अंतिम राजा गजपति महाराज होगा। इसी दौरान भगवान कल्कि प्रकट होंगे, जो युद्ध में भारत का साथ देंगे।
3. तीसरा विश्व युद्ध होगा भयानक :
नास्त्रेदमस : 'एक पनडुब्बी में तमाम हथियार और दस्तावेज लेकर वह व्यक्ति इटली के तट पहुंचेगा। और युद्ध शुरू करेगा। उसका काफिला बहुत दूर से इतालवी तट तक आएगा।' (11-5)।...जब तृतीय युद्ध चल रहा होगा उस दौरान चीन के रासायनिक हमले से एशिया में तबाही और मौत का मंजर होगा, ऐसा जो आज तक कभी नहीं हुआ।- (vi-51). अंतिम दौर में दुनिया शनि की विलंबत वापसी से नुकसान उठाएगी। साम्राज्य एक काले राष्ट्र के हाथों चला जाएगा।- (।।।।-92)। '27 अक्टूबर 2025 को मेष के प्रभाव में तीसरी किस्म की जलवायु आएगी, एशिया का राजा मिस्र का भी सम्राट बनेगा। युद्ध, मौतें, नुकसान और ईसाइयों की शर्म के हालात बनेंगे। -(3/77 सेंचुरी)।
अच्युतानंद दास : तीसरा विश्वयुद्ध 6 साल 6 माह तक चलेगा। चीन 13 मुस्लिम देशों के साथ मिलकर भारत पर हमला कर देगा। आखिरी के 13 माह भारत युद्ध में शामिल होगा और यह भारत की लड़ाई होगी। भारत की इसमें विजय होगी। भारत सदा के लिए अपने दुश्मनों को न सिर्फ खत्म कर देगा बल्कि विश्व गुरु भी बन जाएगा।
4. हिन्दू सनातन धर्म होगा दुनिया का धर्म :
नास्त्रेदमस : 'सागरों के नाम वाला धर्म चांद पर निर्भर रहने वालों के मुकाबले तेजी से पनपेगा और उसे भयभीत कर देंगे, 'ए' तथा 'ए' से घायल दो लोग।' (x-96)... दक्षिणी भारत से एक ऐसा नेता उभर कर आएगा जो पुरे विश्व को एक करके रख देगा।' उसके दौरान में रूस साम्यवाद का दामन छोड़ हिन्दू धर्म स्वीकार करेगा।' 'सांप्रदायिकता और शत्रुता के एक लंबे दौर के बाद सभी धर्म तथा जातियां एक ही विचारधारा को मानने लगेंगी।' (6-10)।
अच्युतानंद दास : चीन के कई टुकड़े हो जाएंगे। पाकिस्तान का नामोनिशान ही मिट जाएगा। पाकिस्तान के साथ मिलकर लड़ने वाली शक्ति कमजोर और दयनीय हो जाएगी। रूस एक हिन्दू देश बन जाएगा। योरप युद्ध लड़ने लायक नहीं रहेगा। वहां की जनसंख्या न के बराबर होगी। इसके बाद 1,000 साल तक शांति का युग बना रहेगा।
5. महामारी से दुनिया बेहाल होगी :
नास्त्रेदमस : नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी की पुस्तक में तीसरे विश्व युद्ध का जिक्र किया है। तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत के संबंध में वे लिखते हैं कि ''धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, महामारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।'' (vi-10)।... नास्त्रेदमस में महामारी का जिक्र कई बार किया है।
अच्चयुतानंद दास : कलयुग के अंत के समय जीवन देने वाला सूर्य जीवन लेने वाला बन जाएगा। ओड़ीसा में चक्रवाती तूफान से जगन्नाथ मंदिर का कल्पवृक्ष यानी पवित्र बरगद का पेड़ गिर जाएगा और इसके बाद दुनिया में लाखों लोग मरने लगेंगे। ओड़िसा में मई 2019 में फानी नाम का एक तूफान आया था जिसमें यह बरगद का पेड़ गिर गया था। उन्नीस के अंत में ही करोना महामारी का प्रकोप प्रारंभ हुए था और लोगों के मरने का सिलसिला प्रारंभ हो गया।...अच्चयुतानंद दास जी ने भी महामारी कई जगह बीमारी लिखकर भी संकेत दिए हैं।
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