कीव। यूक्रेन ने मारियुपोल स्थित इस्पात संयंत्र को मंगलवार को छोड़ दिया जिससे शहर पर रूस का कब्जा होने की आशंका है। यदि मारियुपोल पर रूस का कब्जा हो जाता है तो यह मास्को द्वारा जीता गया सबसे बड़ा शहर होगा और क्रेमलिन द्वारा वांछित विजय में सहायक सिद्ध होगा हालांकि, शहर का ज्यादातर हिस्सा गोलाबारी के कारण बर्बाद हो चुका है।
अजोवस्तल संयंत्र से सोमवार को 260 से अधिक यूक्रेनी लड़ाके पीछे हट गए और दोनों पक्षों की ओर से की जा रही मध्यस्थता के तहत रूस की तरफ चले गए। इनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल थे जिन्हें स्ट्रेचर पर बाहर निकाला गया।
मारियुपोल से 88 किलोमीटर उत्तर में स्थित ओलेनिवका में मंगलवार को सात और बसों को आते देखा गया जिनमें यूक्रेनी सैनिक सवार थे। रूस इसे समर्पण बता रहा है लेकिन यूक्रेन का कहना है कि संयंत्र में तैनात सैनिकों का अभियान पूरा हो गया और अब उन्हें नए आदेश दिए गए हैं।
यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने कहा कि उनकी जान बचाने के लिए। यूक्रेन को उनकी जरूरत है। यही मुख्य उद्देश्य है। यूक्रेन को उम्मीद है कि लड़ाकों के बदले में रूसी युद्धबंदियों को लिया जा सकता है लेकिन रूसी संसद के निचले सदन के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोदिन ने कहा कि सैनिकों के बीच युद्ध अपराधी हैं और उनके बदले किसी को नहीं लिया जाना चाहिए बल्कि उन पर मुकदमा चलना चाहिए।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि देश के सैन्य और खुफिया अधिकारी अब भी इस्पात संयंत्र से बचे हुए सैनिकों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं। अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि संयंत्र के भीतर कितने सैनिक मौजूद हैं। (भाषा)