नई दिल्ली। LIC की शेयर बाजार में लिस्टिंग का निवेशकों को लंबे समय से इंतजार था। जैसे ही इसकी लिस्टिंग हुई प्रॉफिट बुकिंग कर इससे बाहर निकलने का सपना देख रहे लोग निराश हो गए। हालांकि कुछ लोगों ने इसे निवेश का अवसर माना।
शेयर बाजार में मंगलवार को कंपनी का शेयर अपने निर्गम मूल्य पर 8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ सूचीबद्ध हुआ। कारोबार के अंत तक कंपनी का शेयर निर्गम मूल्य से नीचे रहा।
बीएसई पर कंपनी का शेयर 949 रुपए के निर्गम मूल्य के मुकाबले 872 रुपए प्रति शेयर के भाव पर सूचीबद्ध हुआ। वहीं एनएसई पर एलआईसी के शेयर 867.20 रुपए पर सूचीबद्ध हुए। यह निर्गम मूल्य से 77 रुपए कम है। आज खबर लिखे जाने तक यह 877 रुपए पर था।
आईपीओ की शेयर बाजार में लिस्टिंग के साथ ही LIC 5.54 लाख करोड़ रुपए के बाजार पूंजीकरण के साथ देश की 5वीं सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई। कंपनी ने आईपीओ से 20,557 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
क्यों हुई कम कीमत पर LIC की लिस्टिंग : शेयर बाजार एक्सपर्ट सागर अग्रवाल के अनुसार, रूस यूक्रेन युद्ध और वर्ल्ड मार्केट सेंटिमेंट्स को देखते हुए एलआईसी अपने बेस प्राइज से नीचे लिस्ट हुआ। वित्त विशेषज्ञ योगेश बागौरा के अनुसार, लिस्टिंग के समय प्रॉफिट की संभावना कम ही थी। बाजार की कमजोरी और बढ़ती महंगाई की वजह से इसकी लिस्टिंग कम दाम पर हुई है।
निवेशकों को कितना करना होगा इंतजार : बागौरा ने कहा कि HDFC life और ICICI Pro की तुलना में इसका वैल्यूएशन कम है। अत: यह लंबी अवधि में निवेशकों को बेहतर रिटर्न दे सकता है। हालांकि इसके लिए 12 से 14 माह तक इंतजार करना होगा।
वहीं अग्रवाल कहते हैं कि फिलहाल LIC के शेयर में गिरावट की संभावना ज्यादा है। बाजार करेक्शन के दौर से गुजर रहा है। ज्यादातर शेयर लाल निशान में दिखाई दे रहे हैं। पहले FII माल बेच रहे थे अब घरेलू निवेशक भी बिकवाली कर रहे हैं। पैसों का फ्लों विथ्ड्रा हो रहा है। फिलहाल LIC के शेयरों में निवेश करने वाले लोगों को धैर्य रखना चाहिए और बेहतर रिटर्न के लिए 1 साल तक इंतजार करना होगा।