पुरुषोत्तम मास, मलमास, अधिक मास पर आपने बहुत सारी सामग्री पढ़ी होगी। अब यह पुण्य माह समाप्त होने वाला है। अगर अभी तक आपने कोई दान पुण्य नहीं किया है तो अब इस अवसर का लाभ उठाएं। आज हम आपको बता रहे हैं कि पुण्य कमाने के लिए अंतिम दो दिन आप कर सकते हैं यह 7 काम...
मंत्र जप
‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र या गुरु द्वारा प्रदत्त मंत्र का यथाशक्ति जप करें। श्रीविष्णु सहस्त्रनाम, पुरुषसूक्त, श्रीसूक्त, हरिवंश पुराण और एकादशी महात्म्य कथाओं के श्रवण से सभी मनोरथ पूरे होते हैं। श्रीकृष्ण, श्रीमद् भागवत गीता, श्रीराम कथा वाचन और विष्णु भगवान की उपासना करने का खास महत्व है।
कथा सुनें और पढ़ें
पुरुषोत्तम मास में कथा पढ़ने और सुनने दोनों का ही अद्भुत महत्व है। यदि संभव हो तो अंतिम दो दिन कथा पढ़ें या कहीं कथा चल रही हो तो सुनें।
दान करें
अ ब तक आपने कोई दान नहीं किया है तो दान की तैयारी कर लीजिए। पुराणों में बताया गया है कि इस माह व्रत-उपवास, दान-पूजा, यज्ञ-हवन और ध्यान करने से मनुष्य के सभी पाप कर्मों का क्षय होकर उन्हें कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है। आपके द्वारा गरीब को दिया एक रुपया भी सौ गुना फल देता है। अत: अंतिम दो दिन यथासंभव दान करें।
दीप दान
पुरुषोत्तम मास में दीपदान, वस्त्र और श्रीमद् भागवत कथा ग्रंथ दान का विशेष महत्व है। इस मास में दीपदान करने से धन-वैभव के साथ ही आपको पुण्य लाभ भी प्राप्त होता है। आखिरी दो दिन किसी भी पवित्र नदी या सरोवर में दीपदान कर सकते हैं।
विष्णु उपासना
पुरुषोत्तम मास में भगवान विष्णु के पूजन का पुण्य लाभ कमाएं। श्रीविष्णु सहस्त्रनाम का पाठ कर सकते हैं।
स्वर्ण दान
अंतिम दो दिन आप वह सब दान कर सकते हैं जो पूरे माह में दान का महत्व है। आपको वस्तुओं की सूची दी जा रही है। आप उनमें से कुछ भी दान कर सकते हैं लेकिन सोना दान करें तो यह अति उत्तम है।
मालपुए
अगर आपने पूरे माह दान नहीं किया है तो आखरी के दो दिन मालपुए दान कर भी आप पूरा पुण्य अर्जित कर सकते हैं।