7 मार्च 2019 की रात्रि में राहु का कर्क से मिथुन राशि में गोचर लगभग 2:48 बजे होगा और 23 सितंबर 2020, 5:28 बजे तक यह मिथुन राशि में ही स्थित रहेगा।
ज्योतिषशास्त्र में राहु-केतु को हमारे जीवन के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव का मुख्य जिम्मेदार माना गया है। राहु और केतु दोनों एक दूसरे के विपरीत बिंदुओं पर समान गति से गोचर करते हैं। राहु चंद्रमा का उत्तरी कटान बिंदु है जो सांसारिक व भौतिक सुखों में रुचि पैदा करने में सक्षम है। केतु चंद्रमा का दक्षिणी कटान बिंदु है जो आध्यात्मिक रुचियों व कार्यों को बढ़ाने में सक्षम है। राहु-केतु को जन्म से ही वक्री ग्रह माना जाता है।
समस्त ग्रहों में राहु को क्रूर स्वभाव और बुद्धि को भ्रमित कर देने वाले छाया ग्रह के नाम से जाना जाता है। राहु के प्रभाव से मनुष्य के जीवन में रहस्यमयी और अप्रत्याशित परिवर्तन होते हैं। इसके फलस्वरूप जीवन में अचानक कोई बड़ा परिवर्तन और हादसे घटित होते हैं। हालांकि ये सुखद और दुखद दोनों हो सकते हैं। कुंडली में राहु की दशा और स्थिति से इसका बोध होता है। गोचर के दौरान राहु एक राशि में 18 महीने तक संचरण करता है अर्थात पूरी 12 राशियों का एक चक्कर 18 वर्ष में लगता है।
राहु और केतु के जन्म की पौराणिक कथा
श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार महर्षि कश्यप की पत्नी दनु से विप्रचित्ति नामक पुत्र हुआ जिसका विवाह हिरण्यकशिपु की बहन सिंहिका से हुआ। राहु का जन्म सिंहिका के गर्भ से हुआ इसीलिए राहु का एक नाम सिंहिकेय भी है।
जब भगवान विष्णु की प्रेरणा से देव दानवों ने क्षीरसागर का मंथन किया तो उसमें से अन्य रत्नों के अतिरिक्त अमृत की भी प्राप्ति हुई। भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके देवों व दैत्यों को मोह लिया और अमृत बांटने का कार्य स्वयं ले लिया तथा पहले देवताओं को अमृत पान कराना आरम्भ कर दिया। संदेह होने के कारण देवता का रूप धारण करके वह सूर्यदेव तथा चन्द्रदेव के निकट बैठ गया। विष्णु जैसे ही राहु को अमृतपान कराने लगे सूर्य व चंद्र ने विष्णु को उनके बारे में सूचित कर दिया। क्योंकि वे राहु को पहचान चुके थे। भगवान विष्णु ने उसी समय सुदर्शन चक्र द्वारा राहु के सिर को धड़ से अलग कर दिया। इससे पहले अमृत की कुछ बूंदें राहु के गले में चली गई थी जिस कारण सिर और धड़ दोनों जीवित रहे। उसके सिर को राहु तथा धड़ को केतु कहा गया।
सूर्य व चंद्रमा से राहु की शत्रुता का कारण भी यही माना जाता है। मान्यता है कि इसी शत्रुता के चलते राहु सूर्य व चंद्रमा को समय-समय पर निगलने का प्रयास करता है जिसके कारण इन्हें ग्रहण लगता है। ज्योतिष शास्त्र में भी राहु को छाया ग्रह माना जाता है। राहु एक पाप ग्रह माने जाते हैं।
जातक की कुंडली में कालसर्प जैसे दोष राहु के कारण ही मिलते हैं। मिथुन राशि में राहु को उच्च का तो धनु राशि में नीच का माना जाता है। राहु को अनैतिक कृत्यों का कारक भी माना जाता है। शनि के बाद राहु-केतु ऐसे ग्रह हैं जो एक राशि में लंबे समय लगभग 18 महीने तक रहते हैं। ऐसे में राहु का राशि परिवर्तन करना एक बड़ी ज्योतिषीय घटना मानी जाती है ...
आइए देखते हैं मिथुन राशि में राहु के गोचर से आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा :
मेष
राहु आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर करेगा। राहु के तीसरे भाव में स्थिति आपके लिए शुभ संकेत है और इस अवधि में आपको नौकरी में सफलता मिलेगी। अगर आप जॉब बदलना चाहते हैं तो इसमें भी आपको सफलता हासिल होगी। इस अवधि में आपको आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है, साथ ही अधीनस्थ कर्मचारियों का भी पूरा सहयोग मिलेगा। आप अगर किसी लंबी यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो उसे टाल दें क्योंकि छोटी यात्रा आपके लिए लाभदायक हो सकती है। दोस्तों से भी अपको मदद मिलेगी। कार्यक्षेत्र में प्रमोशन के योग हैं और विदेश यात्रा का भी प्लान बन सकता है।
वृषभ
राहु का गोचर आपकी राशि के दूसरे भाव में होगा। ऐसे में यह आपके लिए कष्टदायक हो सकता है। आपकी आर्थिक व्यवस्था गड़बड़ा सकती है, ऐसे में संभलकर योजना बनानी होगी। लापरवाही बरतने पर नुकसान हो सकता है। खास बात यह है कि इस दौरान न तो किसी को कर्ज दें और ना ही किसी से कर्ज लें। अपनी वाणी और व्यवहार पर नियंत्रण रखें, अन्यथा किसी गलतफहमी के कारण घर का माहौल बिगड़ सकता है। इस दौरान धैर्य रखें और अपने क्रोध पर भी नियंत्रण करें। इस अवधि के दौरान आपके ख़र्च में वृद्धि होगी और आपका मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, क्योंकि लापरवाही से शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
मिथुन
राहु आपकी राशि में ही प्रवेश कर रहा है, जो आपके लग्न भाव में स्थित होगा। लग्न भाव जन्म का भाव होता है और इसमें राहु का स्थित होना अनुकूल नहीं माना जाता है। ऐसे में आपको सावधानी बरतने और संभलकर चलने की जरुरत होगी। अपने स्वास्थ्य को लेकर भी सावधानी बरतें, क्योंकि लापरवाही से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। कोई पुरानी बीमारी उभर सकती है, ऐसे में चिकित्सक की सलाह लेना बेहतर होगा। हालांकि राहु का गोचर आपके लिए बौद्धिक रूप से अच्छा रहेगा, लेकिन विद्यार्थियों को पढ़ाई में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें, क्योंकि यह उचित नहीं होगा। किसी बात पर दोस्तों के साथ मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
कर्क
राहु का गोचर आपकी राशि से बारहवें भाव में होगा। यह खर्च का भाव होने के लिए इस अवधि में आपके ख़र्चों में काफी वृद्धि होगी। इस दौरान आप किसी विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। हालांकि आपके पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव हो सकता है। बच्चों की सेहत बिगड़ सकती है, इसिलए उनपर ध्यान दें। गलत और गैर कानूनी कार्यों से दूर रहें, अन्यथा जेल की हवा खानी पड़ सकती है। कार्यक्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और कार्य में किसी प्रकार की रुकावट आ सकती है या उच्चाधिकारियों के साथ रिश्ते बिगड़ सकते हैं। इससे मानसिक तनाव हो सकता है, हालांकि इससे बिना घबराए अपना काम समय पर करते रहें।
सिंह
आपकी राशि से 11 वें भाव में राहु का गोचर आपके लिए शुभकारी होगा और इसके सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे। कॅरियर में ग्रोथ के साथ ही कई बेहतर अवसर भी प्राप्त होंगे। आपको कोई उपलब्धि हासिल हो सकती है। कार्य में सफलता और विभिन्न क्षेत्रों से लाभ प्राप्त होने की संभावना है। इससे काफी खुशी मिलेगी। हालांकि बच्चों को लेकर आप थोड़े परेशान रह सकते हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाई में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दोस्तों के साथ मौज मस्ती होगी। सामाजिक क्षेत्र में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा, लेकिन कार्य क्षेत्र में अपने वरीय अधिकारियों से रिश्ते बेहतर बनाना लाभकारी रहेगा।
कन्या
राहु आपकी राशि से दसवें भाव में गोचर करेगा। यह कर्म एवं पद-प्रतिष्ठा का भाव होता है और यहां राहु का होना शुभ संकेत नहीं है। वैसे आर्थिक क्षेत्र में फायदा जरुर होगा। विभिन्न स्रोतों से आय होगी और धन की बचत भी होगी। लक्ष्य को जल्द हासिल करने के लिए शॉर्ट-कट रास्ता न अपनाएं, क्योंकि इससे भले ही तात्कालिक लाभ मिले, लेकिन लांग टर्म में हानि हो सकती है। अपनी मां के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कामकाजी लोगों की व्यस्तता बनी रहेगी और इसका असर व्यक्तिगत जीवन पर भी पड़ेगा।
तुला
आपकी राशि से नौवें भाव में राहु का गोचर आपके अनुकूल नहीं है। इस दौरान आपको भाग्य का साथ नहीं मिलेगा और परिणाम भी आशानुकूल नहीं होगा। आर्थिक क्षेत्र में नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। पैसों की लेनदेन में सावधानी बरतें, अन्यथा हानि हो सकती है। हालांकि तीर्थ यात्रा पर जाने के योग हैं। इस अवधि में पारिवारिक जीवन प्रभावित हो सकता है। पिता के स्वास्थ्य में गिरावट आने की संभावना है, इसलिए उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी लंबी दूरी की यात्रा पर भी जा सकते हैं।
वृश्चिक
राहु आपकी राशि से आठवें भाव यानी आयु के भाव में प्रवेश कर रहा है, जो आपके लिए अनुकूल नहीं है। इस स्थिति में वाहन चलाते समय सावधानी बरतें, अन्यथा चोट लग सकती है। अपनी सेहत का ध्यान रखें। आर्थिक क्षेत्र प्रभावित हो सकता है। इस अवधि में आपकी आय में कमी हो सकती है। ऐसे में सोच-समझकर ख़र्च करना उचित होगा। परिवारजनों के साथ सामंजस्य बनाए रखें, क्योंकि उनके अनुचित व्यवहार से तनाव हो सकता है। इसका असर स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है, इस कारण तनाव से दूर रहने का प्रयास करें।
धनु
राहु आपकी राशि से सातवें भाव में स्थानांतरित हो रहा है, जो वैवाहिक जीवन में परेशनियां उत्पन्न कर सकता है। इस अवधि में जीवनसाथी के साथ संबंधों में कटुता आ सकती है। ऐसे में अपने जीवन साथी की भावनाओं को समझने का प्रयास करें और उनपर किसी तरह का दबाव बनाने का प्रयास न करें। राहु का प्रतिकूल प्रभाव कार्यक्षेत्र पर भी पड़ेगा। ऐसे में बिजनेस पार्टनर के साथ मतभेद हो सकता है। इससे बचें और कार्य क्षेत्र में आने वाली बाधाओं को दूर करने का प्रयास करें। पैतृक संपत्ति संबंधी विवाद भी उभर सकता है।
मकर
आपकी राशि से छठे भाव में राहु का गोचर आपके लिए अच्छा रहेगा। इस अवधि में आपको शुभ परिणाम मिलेंगे और इससे जीवन में खुशियां आएंगी। कॅरियर में सफलता मिलेगी। नौकरी में प्रमोशन और आय में बढ़ोत्तरी की भी संभावना है। विद्यार्थियों के लिए भी यह समय अनुकूल रहेगा। किसी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता की प्रबल संभावना है। यदि आपने बैंक में लोन के लिए आवेदन किया है तो आपका आवेदन स्वीकृत हो जाएगा। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी यह अवधि बेहतर साबित होगी। स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
कुंभ
आपकी राशि से पांचवें भाव में राहु का गोचर ज्यादा अनुकूल नहीं है। इस दौरान आपको आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए पैसों का लेनदेन और निवेश काफी सोच-समझकर करें। प्रेम संबंधों में सावधानी बरतें, अन्यथा प्रियजन के साथ विवाद हो सकता है। इस परिस्थिति से बचने के लिए अपने पार्टनर की भावनाओं को समझें और उन्हें पूरा समय दें। विद्यार्थियों के लिए भी यह समय चुनौती वाला है। परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ेगा।
मीन
राहु का आपकी राशि से चौथे भाव में स्थानांतरित होना आपके लिए कष्टदायक हो सकता है। इसका असर पारिवारिक जीवन पर पड़ सकता है। माता का स्वास्थ्य कमजोर हो सकता है। उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कार्यक्षेत्र में भी परेशानी होगी और व्यस्तता के कारण निजी जीवन में कम समय देंगे। परेशनियों के कारण मानसिक तनाव हो सकता है और इस कारण ध्यान भी भटक सकता है। ऐसे में मानसिक शांति बनाए रखें। अनावश्यक खर्च से बचने के लिए सोच-समझकर खर्च करना बेहतर होगा।