Russia Ukraine war: वर्तमान में रूस या रशिया और यूक्रेन के बीच जो युद्ध छिड़ा हुआ है या जंग छिड़ी हुई है उसका कारण मंगल के गोचर को बताया जा रहा है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार मंगल ग्रह युद्ध का ग्रह है। मंगल को पराक्रम और शौर्य का ग्रह माना जाता है। कहते हैं कि मंगल जब भी शनि की राशि में गोचर करता है तो यह आपदा और युद्ध को जन्म देता है। आओ जानते हैं कब तक मंगल मचाएगा तबाही।
- 26 फरवरी को मंगल का शनि की राशि मकर में प्रवेश। यहां शनि के साथ युति बनाकर करेगा राजनीति में परिवर्तन।
- 7 अप्रैल को मंगल का शनि की राशि कुंभ में होगा प्रवेश, जहां वह 17 मई 2022 तक रहेगा। तब तक दुनिया को उसका शक्तिशाली प्रभाव झेलना होगा।
- मंगल का यह गोचर और शनि के साथ उसकी युति दुनिया में तृतीय विश्व युद्ध की भूमिका तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
मंगल की विशेषता : ज्योतिष में मंगल ग्रह को युद्ध का कारक ग्रह और मंगलदेव को युद्ध का देवता माना जाता है। यह हमारे शरीर में बह रहा खून है और समुद्र में मूंगा इसी के कारण पैदा होता है। हर माह मंगल का गोचर विभिन्न राशियों में होता है परंतु ऐसा मानना है कि मंगल जब अपने शत्रु ग्रह की राशि में गोचर करता है तो तबाही मचाता है। शनि, शुक्र और राहु मंगल के शत्रु ग्रह है। मंगल जब बुरा होता है तब भूत या जिन्न के समान होता है। अर्थात जब वह खराब या दूषित होता है तो व्यक्ति का जीवन उजाड़ देता है परंतु जब वह अच्छा होता है तो मंगलदेव या बजरंगबली की तरह होता है।
शनि की राशि में मंगल 7 अप्रैल तक रहेगा : मंगल ग्रह धनु से निकलकर मकर में गोचर करेगा। मकर राशि मंगल की उच्च राशि है और यह शनि की राशि है। मंगल ग्रह शनि की इस मकर राशि से निकलकर अप्रैल माह में कुंभ में गोचर करेगा। 26 फरवरी 2022 में मंगल धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करेगा। मंगल का मकर राशि में ये गोचर 7 अप्रैल 2022 तक चलेगा। यहां पहले से ही शनि विराजमान है। शनि और मंगल की युति ने ही जंग का आगाज किया और अब यह युद्ध अभी और चलेगा।
27 और 28 फरवरी मकर राशि में पांच ग्रहों के एक साथ आने का भी योग बन रहा हैं। जिस तरह सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है उसी तरह मंगल के मकर में प्रवेश करने के पहले ही युद्ध के हालात पैदा हो जाते हैं और लगभग युद्ध प्रारंभ हो जाता है, क्योंकि शनि की राशि मकर और कुंभ में मंगल अपने उच्च पॉवर में होता है। शनि की मंगल से शत्रुता भी है।
मंगल का भयानक असर : 17 मई 2022 तक रहेगा देश दुनिया में राजनीतिक अस्थिरत रहेगी। सत्ता परिवर्तन होंगे। मंगल से संबंधित वस्तुओं में तेजी रहेगी और जनता परेशान रहेगी। जंगल में आग लगने की संभावना है। मंगल का यह गोचर और शनि के साथ उसकी युति दुनिया में तृतीय विश्व युद्ध की भूमिका तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। लेकिन अच्छी बात यह रहेगी कि मंगल के प्रभाव के चलते महामारी का प्रकोप लगभग समाप्त हो जाएगा।
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