Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

शनि प्रदोष : जानिए शिव पूजन और प्रदोष व्रत का महत्व

हमें फॉलो करें शनि प्रदोष : जानिए शिव पूजन और प्रदोष व्रत का महत्व
webdunia

राजश्री कासलीवाल

* शनि प्रदोष के दिन करें भगवान शिव और पीपल का पूजन 
 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शनिदेव को मनाने के ऐसे कई उपाय हैं जिनके द्वारा शनि की शांति होती है अत: जातक श्रद्धा के साथ शनि की उपासना करें तो उसके समस्त कष्‍ट निश्चित ही दूर होते हैं। इसका जातक स्वयं अनुभव लेकर दूसरे किसी अन्य पीड़ित जातक का कष्ट दूर कर सकता है।

इस बार शनिवार, 19 अगस्त 2017 को शनि प्रदोष व्रत है। शनि को मनाने के लिए शनि प्रदोष व्रत बहुत फलदायी है। यह व्रत करने वाले पर शनिदेव की असीम कृपा होती है। शनि प्रदोष व्रत शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए उत्तम होता है। 
 
यह व्रत करने वाले को शनि प्रदोष के दिन प्रात:काल में भगवान शिवशंकर की पूजा-अर्चना करनी चाहिए, तत्पश्चात शनिदेव का पूजन करना चाहिए। इस दिन दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आ रहीं परेशानियां और शनि के अशुभ प्रभाव से मिलने वाले बुरे फलों में कमी आती है।

व्रत करने वाले जातक को यह पाठ कम से कम 11 बार अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा शनि चालीसा, शनैश्चरस्तवराज:, शिव चालीसा का पाठ तथा आरती भी करनी चाहिए। 
 
वर्षभर में हर महीने में दो बार एक शुक्ल और दूसरा कृष्ण पक्ष में प्रदोष का व्रत आता है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है।

अगर किसी भी जातक को भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करना हो तो उसे प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए। इस व्रत को करने से शिव प्रसन्न होते हैं तथा व्रती को सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति करवाने के साथ-साथ पुत्र प्राप्ति का वर भी देते हैं। 
 
इस दिन सुबह स्नान के बाद सफेद या पीले रेशमी वस्त्र धारण करके पवित्र स्थान या देवालय में स्थित पीपल वृक्ष की जड़ में गाय का दूध, पवित्र गंगाजल में गुलाब के पुष्प, चंदन व काले तिल मिलाकर चढ़ाने से जीवन में आ रहे सभी संकटों का नाश होता है तथा घर में खुशहाली आती है। 


देखें वीडियो
 
 


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

12 राशियों के 12 उपाय, शुक्रवार के दिन की शुभता के लिए जरूर आजमाएं...