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Sankashti Chaturthi के नियम, मंत्र और उपाय

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धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिमाह दो चतुर्थी पड़ती है। इसमें कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी (sankashti chaturthi) तथा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi) कहा जाता हैं। इस बार 13 सितंबर 2022, मंगलवार को आश्विन मास का संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। आइए जानते हैं व्रत के नियम, मंत्र, उपाय भी। Sankashti Chaturthi 2022
 
संकष्‍टी चतुर्थी के नियम : Sankashti Chaturthi ke Niyam
 
श्री गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए पूजा-व्रत करने के निर्देश एवं नियम बताए गए हैं। आइए जानें- 
 
- प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष संकष्टी चतुर्थी के दिन चौथ माता का व्रत भी किया जाता है।
 
- इस व्रत में दिनभर निराहार रहकर उपवास किया जाता है।
 
- कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन व्रत करके चंद्रदर्शन के पश्चात श्री गणेश पूजन करके ब्राह्मण भोजन करवाना चाहिए। 
 
- चंद्रोदय होने पर अर्घ्य देकर, श्री गणेश तथा चौथ माता की पूजा करके लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
 
- मुद्गल पुराण के अनुसार इस दिन 'वक्रतुण्डाय हुं' मंत्र का जाप करना चाहिए। 
 
श्री गणेश के मंत्र : Lord ganesh mantra
 
1. 'ॐ वक्रतुंडा हुं।'
 
2. 'श्री गणेशाय नम:'।
 
3.  'ॐ गं गणपतये नम:।'
 
4. वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।
 
5. एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
 
चतुर्थी के उपाय : Chaturthi ke Upay
 
1. चतुर्थी के दिन शमी के पेड़ का पूजन करने से श्री गणेश प्रसन्न होते हैं। उन्हें शमी के पत्ते अर्पित करने से दुख, दरिद्रता दूर होती है। 
 
2. श्री गणेश को सिंदूर अत्यंत प्रिय है, अत: चतुर्थी पर पूजन के समय उन्हें सिंदूर का तिलक करके खुद भी तिलक करें।
 
3. चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश को गेंदे का फूल चढ़ाकर मोदक और गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें। इस उपाय से हर कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है।
 
4. खुद का घर खरीदने की तमन्ना है तो श्री गणेश पंचरत्न स्तोत्र का पाठ करें, लाभ होगा।
 
5. धनदाता गणेश स्तोत्र का पाठ करने से अपार धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है। 
 
6. गणेश पूजा के बाद- 'ॐ गं गौं गणपतये विघ्न विनाशिने स्वाहा' मंत्र का 108 बार जाप करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।
 
इसके अलावा श्री गणेश चतुर्थी कथा का पाठ करें। गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण, श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करना लाभदायी रहता है।


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