* संक्रांति पर ऐसे करें तिल का प्रयोग, दुर्भाग्य होगा दूर...
माघ मास की षटतिला एकादशी और मकर संक्रांति के दिन तिल का उपयोग करना लाभदायी माना गया है। एकादशी और मकर संक्रांति का व्रत करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश होता है। मकर संक्रांति के दिन पर्व काल के समय में किसी भी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करना चाहिए। इसके पूर्व तिल के तेल की मालिश करना चाहिए तथा तिल्ली का उबटन लगाकर स्नान करने के पश्चात सूर्यदेव का पूजन करना चाहिए।
इस दिन वैदिक ब्राह्मणों को तांबे के कलश में तिल्ली भर कर उस पर गुड़ रखकर दान देने का महत्व है। साथ ही सौभाग्यवती महिलाओं को सौभाग्य सामग्री का दान करना चाहिए। इन दिनों निम्न 6 प्रकार से तिल का उपयोग करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
1. तिल स्नान
2. तिल की उबटन
5. तिल का भोजन
6. तिल का दान
इस व्रत में तिल के उपयोग का बहुत महत्व है। इससे दुर्भाग्य, दरिद्रता तथा अनेक प्रकार के कष्ट से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस दिन लाल गाय को गुड़ व घास खिलाने का भी महत्व है। गाय को गुड़ व घास खिलाने के पश्चात पानी अवश्य ही पिलाना चाहिए, ऐसा करने से पितृ हम पर प्रसन्न होते हैं तथा जीवन को सुख में बदल देते हैं।