24 जनवरी 2020 माघ मास की मौनी अमावस्या को शनिदेव उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, वज्र योग और मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में सुबह 10 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
शनि देव इस राशि में ढाई साल यानी 29 अप्रैल 2022 तक भ्रमण करेंगे। शनि के इस राशि परिवर्तन से 3 राशियों पर साढ़ेसाती की स्थिति बदलेगी, वहीं 2 राशियों पर लघुकल्याणी ढैया में भी परिवर्तन आएगा।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि जिस राशि में भ्रमण करते हैं उस राशि के साथ-साथ अपने से दूसरी और बारहवीं राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहता है। वहीं गोचर में चंद्र राशि से शनि की चौथी और आठवीं स्थिति वाली राशियों पर लघुकल्याणी ढैया लगता है।
24 जनवरी को शनि के मकर राशि में प्रवेश करने से वृश्चिक राशि पर से साढ़ेसाती उतर आएगी।
वहीं धनु राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम ढैया चांदी के पाए से पैर पर प्रारंभ होगा।
मकर राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा ढैया स्वर्ण के पाए से हृदय पर प्रारंभ होगा और कुंभ राशि पर लोहे के पाए के साथ साढ़ेसाती का पहला ढैया मस्तक पर से प्रारंभ होगा।
इनके अलावा वृषभ और कन्या राशि पर से लघुकल्याणी समाप्त हो जाएगा तथा मिथुन और तुला राशि पर लोहे के पाए के साथ लघु कल्याणी ढैया प्रारंभ हो जाएगा।
शनि का मकर पर प्रभाव इस राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा ढैया हृदय पर रहेगा। इसके प्रभाव से आप भावनात्मक रूप से बेहद कमजोर हो जाएंगे। कई अवसरों पर मानसिक रूप से विचलित हो सकते हैं, लेकिन आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय से कोई कार्य करेंगे तो कभी नुकसान में नहीं रहेंगे और कठिन परिस्थितियों से भी बाहर आ जाएंगे। इस वर्ष धन लाभ के अनेक अवसर आएंगे। संपत्ति, वाहन सुख की प्राप्ति, भौतिक सुखों में वृद्धि होगी।
जिन लोगों को जन्मकालीन शनि कमजोर है उन्हें धन हानि, शारीरिक पीड़ा, राजकीय कार्यों से नुकसान, कार्य-व्यवसाय में अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा। निरर्थक और थकाने वाली यात्राएं होंगी।