कुंडली में कौनसा ग्रह जाग्रत या सोया हुआ है यह एक अलग बात है, लेकिन आपका जन्म जिस दिन और समय हुआ वह सबसे महत्वपूर्ण है। आपका जन्म दिन में हुआ, दोपहर में हुआ या रात में इससे यह तय होता है कि आप किस ग्रह के प्रभाव में जन्मे हैं। वही ग्रह आपके जीवन पर ज्यादा प्रभावी होता है। उस ग्रह हो जानकार आप लाल किताब के उपाय कर सकते हैं।
व्यक्ति का जन्म जिस दिन को हुआ हो उस दिन को जन्मदिन का दिन तथा उस दिन के ग्रह को जन्मदिन का ग्रह कहा जाता है। जन्म का ग्रह और जन्म समय का ग्रह यदि एक हो तो वह व्यक्ति के लिए हमेशा शुभ फल प्रदान करने वाला होता है। उदाहरण स्वरूप मान लो किसी जातक का जन्म रविवार को प्रात: 9 बजे हुआ तो उसका जन्म दिन और जन्मसमय दोनों का ग्रह सूर्य हुआ तो वह जातक सूर्य से कभी भी पीडि़त नहीं होगा।
1. सूर्य:- सूर्य ग्रह के लिए रविवार का दिन होगा तथा इसका समय सुबह 8 बजे से 10 बजे तक का होगा।
2. चंद्रमा:- चंद्र ग्रह के लिए सोमवार का दिन रहेगा तथा इसका समय सुबह 10 बजे से 11 बजे तक का होगा।
3. मंगल:- मंगल ग्रह के लिए मंगलवार का दिन रहेगा तथा इसका समय सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक का होगा।
4. बुध:- बुध ग्रह के लिए बुधवार का दिन रहेगा तथा इसका समय समय दोपहर 4 बजे से सूर्यास्त तक का होगा।
5. बृहस्पति:- बृहस्पति ग्रह के लिए बृहस्पति वार का दिन रहेगा तथा इसका समय सूर्योदय से सुबह 8 बजे तक का होगा।
6. शुक्र:- शुक्र ग्रह के लिए शुक्रवार का दिन रहेगा तथा इसका समय दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक का होगा।
7. शनि:- शनि ग्रह के लिए शनिवार का दिन रहेगा तथा संपूर्ण रात्रि का समय इसके प्रभाव का रहेगा।
8. राहु:- राहु ग्रह के लिए बृहस्पतिवार का दिन रहेगा तथा सूर्यास्त के बाद तथा रात्रि से पूर्व अर्थात शाम का समय होगा।
9. केतु:- केतु ग्रह के लिए रविवार का समय रहेगा तथा सूर्योदय से दो घंटे पहले से सूर्योदय तक का समय होगा।
* दिन के समय के ग्रह : रविवार दिन का दूसरा प्रहर सूर्य, सोमवार चांदनी रात चंद्र, मंगलवार पूर्ण दोपहर मंगल, बुधवार दिन का तीसरा प्रहार बुध, गुरुवार दिन का प्रथम प्रहर गुरु, शुक्रवार कालीरात शुक्र, शनिवार रात्रि एवं अंधकारमय शनि, गुरुवार शाम पूर्णशाम राहु, रविवार प्रातः सूर्योदय से पूर्व केतु ग्रह।
स्थान बल के कालबली : स्थान बल के अनुसार व्यक्ति का जन्म दिन के किस समय हुआ है उससे ग्रहों का बल पता चलता है। जैसे यदि किसी जातक का जन्म दिन के समय हुआ है तो तब सूर्य और शुक्र ग्रह कालबली माने जाएंगे। यदि रात्री में हुआ है तो चंद्रमा, शनि और मंगल ग्रहों को कालबली कहा जाएगा। गुरू ओर बुध सदैव बली माने जाते हैं। राहु और केतु शाम को कालबली माने जाएंगे।
एक अन्य गणना अनुसार:- यदि आपका जन्म दिन में हुआ है तो इस समय में सूर्य, मंगल, बुध और बृहस्पति ग्रह अधिक बली रहते हैं। बुध और मंगल के बली होने की मान्यता है। यदि आपका जन्म शाम हो हुआ है तो इस समय बुध, राहु, केतु और शनि ज्यादा बली रहते हैं। यदि आपका जन्म रात्रि में हुआ है तो चंद्रमा और शुक्र अधिक बली रहते हैं।
लाल किताब के अनुसार जन्मदिन के ग्रह को जन्मदिन के ग्रह का पक्का घर माना जाता है क्योंकि जन्म समय का ग्रह अन्य ग्रह के पक्के घर में होगा। जन्मदिन का ग्रह राशिफल या उपाय के काबिल माना गया है। अतः उक्त ग्रह से संबंधित वस्तुओं, रिश्तेदारों व उस भाव से संबंधित व्यवसाय पर अपना बुरा असर कभी नहीं देता है। अगर कभी बुरा असर दे रहा हो तो सामान्य उपाय से उसे शुभ फल में बदला जा सकता है।