ज्योतिष मान्यता के अनुसार दुनिया में जो भी बड़े परिवर्तन होते या हो रहे हैं उसमें शनि, मंगल, राहु और केतु के साथ ही ग्रहणों का सबसे बड़ा रोल रहता है। ज्योतिष गणना के अनुसार 30 साल बाद जब से शनि अपनी स्वराशि मकर में गया है तभी से देश-दुनिया के हालत बदल गए हैं। शनि ने 24 जनवरी 2020 को मकर राशि में प्रवेश किया था तभी से दुनिया में महामारी और प्राकृतिक आपदा के साथ ही जनत्रासदी का एक ऐसा दौर प्रारंभ हुआ जिससे हम अभी तक जूझ रहे हैं। इसमें लाखों लोगों की जान चली गई है।
शनि का कुंभ राशि में प्रवेश 2023 | shani ka kumbh rashi me pravesh 2023:
मकर में जाते ही शनि ने मचाई थी तबाही : 2020 में शनि जब मकर राशि में गया था तब देश-दुनिया में सत्ता परिवर्तन, आर्थिक परिवर्तन, जन आंदोलन के साथ ही महामारी का दौर शुरू हुआ था। महामहारी ने लाखों लोगों की जान ले ली थी। इसके बाद से ही दुनिया बदल गई है। इसके बाद शनि जब मकर में वक्री हुआ तब कई तरह की घटनाएं देखने को मिली। फिर शनि ने 29 अप्रैल 2022 को सुबह जब कुंभ में प्रवेश किया तब रशिया और यूक्रेन का युद्ध प्रारंभ हुआ।
05 जून, 2022 को शनि जब वक्री हुआ और फिर 12 जुलाई 2022 को कुंभ से निकलकर मकर में गोचर करने लगे तब कई देशों में सत्ता परिवर्तन, विद्रोह, बाढ़, प्राकृतिक आपदा के साथ ही दुनिया में हमने कई राजनीतिक घटनाक्रम भी देंखे हैं। फिर 23 अक्टूबर 2022 शनि ने वक्री अवस्था छोड़कर मार्गी अवस्था में गोचर किया तब देश दुनिया में राहतभरी खबरें भी मिली। इस दौरान महंगाई और शेयर बाजार ने आसमान छूकर जमीन को भी छुआ है।
17 जनवरी 2023 को शनि करेगा कुंभ राशि में प्रवेश : अब आशंका व्यक्त की जा रही है कि 17 जनवरी 2023 को शनि अपनी राशि कुंभ में दोबारा से जब प्रवेश कर जाएंगे तो दुनिया एक बड़े परिर्वन को देखेगी। फिर वह परिवर्तन चाहे प्राकृतिक घटना के रूप में सामने देखने को मिले या किसी बड़े युद्ध की ओर दुनिया को हम बढ़ते हुए देखेंगे। हो सकता है कि कोई बड़ी खगोलीय घटना हो या कोई भयानक वायरस फिर से तबाही मचाएगा।
शनि का गोचर मचाएगा तबाही : भविष्य मालिका के अनुसार जब शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तब महाविनाश का प्रारंभ होगा। शनि ने 29 अप्रैल को ही कुंभ में प्रवेश किया है। फिर शनि वक्री होकर 12 जुलाई 2022 को मकर राशि में गोचर करेगा। इस दौरान महायुद्ध की नींव पड़ जाएगी। शनि उसके बाद जब 17 जनवरी 2023 को शनि पुन: कुंभ में आएंगे और 29 मार्च 2025 तक यहीं रहेंगे। इस दौरान तीसरे विश्वयुद्ध से महाविनाश का पहला चरण प्रारंभ होगा। उसके बाद 29 मार्च 2025 से 23 फरवरी 2028 तक शनि मार्गी और वक्री होकर मीन राशि में रहेंगे। तब जनता त्राहि-त्राहि करने लगेगी। फिर 23 फरवरी 2028 से 17 अप्रैल 2030 तक शनि मेष राशि में रहेंगे। इसी दौरान महाविनाश का दौर खत्म हो जाएगा और एक नए युग का प्रारंभ होगा।- copyright: webdunia