7 अप्रैल को मंगल ग्रह मकर राशि ने निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेगा, जहां वह 17 मई तक रहेगा। 29 अप्रैल को शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ में गोचर करेगा। इस दौरान 29 अप्रैल से 17 अप्रैल तक शनि और मंगल की युति कुंभ राशि में एक बार फिर बनेगी। मकर में शनि और मंगल की युति ने देश और दुनिया में भूकंप, तूफान और युद्ध की संवरचना की थी अब फिर से इन दोनों की युति 19 दिन तक रहेगी जो बड़े उलटफेर कर सकती सकती है।
इसका मतलब यह कि मंगल के राशि परिवर्तन से यानी 7 अप्रैल से हालात में सुधार होंगे और इसके बाद फिर से 29 अप्रैल को मंगल का कुंभ राशि में शनि से मिलन होगा और फिर दंगल होगा। इसके बाद 17 मई को मंगल जब कुंभ से निकलकर दूसरी राशि में गोचर होगा तब देश दुनिया को इस युद्ध से राहत मिलने के आसार है परंतु यह भी आशंका व्यक्ति कि जा रही है कि 17 अप्रैल तक रशिया और यूक्रेन के युद्ध में किसी बड़े देश ने सैन्य दखल नहीं किया तो सबकुछ ठीक हो जाएगा परंतु यदि यूक्रेन को सैन्य मदद मिलना प्रारंभ हुई तो फिर हालात को सुधारना मुश्किल होगा। यह भी कहा जा रहा है कि आने वाले समय में चीन कोई बड़ा फैसला ले सकता है।
अमेरिका और नेटो के द्वारा रूस और चीन को बार-बार उकसाए जाने से आने वाले समय में हम खतरनाक मंजर को देखेंगे। ज्योतिष गणना के अनुसार 17 मई तक सभी को संयम रखने की जरूरत है। अन्यथा मंगल और शनि की युति देश और दुनिया को तीसरे युद्ध में झौंक देगी या यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि कोरोना महामारी एक बार फिर विकराल रूप धारण कर सकती है।
भारत पर असर : भारत में राजनीतिक उथल-पुथल होगी। महंगाई से लोग त्रस्त रहेंगे। सत्ता परिवर्तन के योग बन रहे हैं। जन आंदोलन हो सकते हैं। अग्निकाण्ड, भूकंप और तूफान पैदा होंगे। युद्ध में भारत शांति की भूमिका निभा सकता है, क्योंकि भारत की ग्रह स्थिति बेहद मजबूत है। ग्रहों का यह बदलाव भारत के पक्ष में है। इससे भारत विश्व में बड़ी शक्ति बनकर उभरता दिखाई दे रहा है। हालाकि पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव और नेपाल में हम इसी तरह के हालत देख रहे हैं।
मंगल शनि की युति का असर : कहा जाता है कि मंगल जब भी शनि की राशि में गोचर करता है या शनि के साथ युति बनाता है तब-तब धरती पर संतोष, युद्ध, अग्निकाण्ड, भूकंप और तूफाओं का जन्म होता है। वर्तमान में ऐसा ही कुछ हो रहा है। ज्योतिष में मंगल ग्रह को युद्ध का कारक ग्रह और मंगलदेव को युद्ध का देवता माना जाता है। मकर राशि में शनि के साथ युति बनाकर मंगल करेगा राजनीति में परिवर्तन। 17 मई 2022 तक रहेगी देश-दुनिया में राजनीतिक अस्थिरत। सत्ता परिवर्तन होंगे। मंगल से संबंधित वस्तुओं में तेजी रहेगी और जनता परेशान रहेगी। जंगल में आग लगने की संभावना है। मंगल का यह गोचर और शनि के साथ उसकी युति दुनिया में तृतीय विश्व युद्ध की भूमिका तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। लेकिन अच्छी बात यह रहेगी कि मंगल के प्रभाव के चलते महामारी का प्रकोप लगभग समाप्त हो जाएगा।
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