यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई के प्रभावों ने धीरे-धीरे अन्य देशों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। रूस दुनिया के अग्रणी तेल और गैस आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। ऐसे में रणनीतिक पेट्रोल भंडार का महत्व बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बार फिर देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के जवाब में देश के गैसोलीन भंडार का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। व्हाइट हाउस के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस विशाल भंडार से अगले 6 महीने तक रोजाना 10 लाख बैरल तेल छोड़ने का आदेश दिया है।
पिछले हफ्ते किए ऐलान में साफ किया गया कि देश की जरूरतों को देखते हुए इस रणनीतिक भंडार से तेल का इस्तेमाल अगले 6 महीने तक जारी रहेगा। बाइडन प्रशासन का मानना है कि इस रिजर्व से तेल के इस्तेमाल से अगले 6 महीनों में तेल की कीमतों का निर्धारण संभव हो सकेगा।
रणनीतिक भंडार क्यों बना?
अमेरिका में गैसोलीन की रणनीतिक भूमिगत आपूर्ति है, जो हाल ही में 70 करोड़ बैरल से अधिक तेल जमा कर चुकी थी। यह भंडार टेक्सास और लुइजियाना राज्यों के बीच है। अनुमान है कि वहां अभी भी करोड़ों बैरल तेल का भंडार है। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के अनुसार पिछले हफ्ते वॉल्यूम 56 करोड़ बैरल था। 2021 के मध्य तक यह मात्रा 65 करोड़ बैरल थी।
एक रणनीतिक भंडार स्थापित करने का निर्णय अमेरिकी सरकार द्वारा 1970 के दशक में अरब दुनिया से तेल की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बाद आया ताकि किसी भी आपात स्थिति में इसका इस्तेमाल किया जा सके। अमेरिका अब आयात से अधिक तेल निर्यात करता है। और इसके रणनीतिक भंडार का उपयोग कई कारणों से किया जाता है। इन्हीं कारणों से तूफान के बाद प्रभावित क्षेत्रों में हालात महत्वपूर्ण हैं।
यूक्रेन युद्ध का असर
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कांग्रेस से तेल और गैस कंपनियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुमति देने के लिए कहने का फैसला किया है, जिन्होंने बड़े पैमाने पर क्षेत्र को जब्त कर लिया है। अमेरिका में तेल और गैस की कीमतों में वृद्धि को रूस के यूक्रेन पर हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने मार्च की शुरुआत में रूस से तेल आयात पर प्रतिबंध लगा दिया, यह स्वीकार करते हुए कि इससे अमेरिकी लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। यूरोप समेत दुनियाभर में तेल और गैस की कीमतों में वृद्धि के साथ कई और चीजों के दाम भी बढ़ गए हैं।
बाइडन ने देश के रणनीतिक गैस भंडार से तेल के उपयोग को अधिकृत किया है। पिछले चार महीने में ऐसा तीसरी बार हुआ है। उन्होंने सबसे पहले पिछले साल नवंबर में 5 करोड़ बैरल और इस साल मार्च में 3 करोड़ बैरल तेल जारी करने का आदेश दिया था। देश के भंडार में तेल विपणन का सबसे बड़ा कारण अमेरिका में बढ़ती मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने का प्रयास है। बढ़ती मुद्रास्फीति वर्तमान में अमेरिका में गरीब आबादी को और भी गरीब कर रही है।